Manu Bhakar Story : भारत की सबसे कम उम्र की ISSF विश्व कप चैंपियन, जिसे मां बनाना थीं डॉक्टर, गुरु के कहने पर बन गयी शानदार शूटर, जानिए इनकी कहानी

हर मां बाप अपने बच्चे के भविष्य के बारे में सोचते है और वह अपने बच्चे को कुछ न कुछ बनते हुए देखना चाहते है।
 
भारत की सबसे कम उम्र की ISSF विश्व कप चैंपियन
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Manu Bhakar Story : हर मां बाप अपने बच्चे के भविष्य के बारे में सोचते है और वह अपने बच्चे को कुछ न कुछ बनते हुए देखना चाहते है। आज हम आपको एक ऐसी बुलंद महिला की कहानी बताने जा रहे है जिनके मां उन्हें एक डॉक्टर के रूप में देखना चाहती थी  है मनु भाकर  की। 

उनकी मां का कहना था कि उनके परिवार में आज तक कोई डॉक्टर नहीं बना था इसलिए वह चाहती थी कि उनकी बेटी डॉक्टर बने। लेकिन इसके स्कूल के पुराने कोच ने कहा कि कुछ समय के लिए इसे शूटिंग करने दो। अगर बेहतर न कर पाई तो इसे डॉक्टरी की पढ़ाई में लगा देना। 

शूटिंग में बन गया शानदार कॅरिअर 

इसके बाद बेटी ने नेशनल के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग में पदक जीत लिया, जिसके बाद उसे शूटिंग में कॅरिअर बनाने दिया। यह कहना है ओलंपियन शूटिंग खिलाड़ी मनु भाकर की मां सुमेधा भाकर का। 

लोगों के लिए बनी प्रेरणा 

चीन के हांगझोऊ में हो रहे 19वें एशियन गेम्स में मनु ने 25 मीटर रैपिड पिस्टल में बुधवार को स्वर्ण पदक जीता है। मनु भाकर चंडीगढ़ के सेक्टर- 10 स्थित डीएवी कॉलेज में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। 

मां को अब बेटी पर है गर्व

एक इंटरव्यू के दौरान मां सुमेधा भाकर ने कहा सुबह ही बेटी के साथ व्हाट्सएप पर बातचीत हुई। उसने कहा कि आज मेरा इवेंट है। मैंने उसे बेहतर कर पदक जीतने का प्रयास करने की बात कही। जैसे ही टीम इंडिया ने स्वर्ण पर निशाना साधा, वह पल पूरे परिवार के साथ देश के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। 

ओलंपिक से पहले एशियन गेम्स पर थी मनु की नजर

कुछ दिनों पहले मनु भाकर पंजाब यूनिवर्सिटी के हॉकी ग्राउंड पर गवर्नमेंट स्कूल-15, खुड्डा लाहौरा पहुंची थीं। उस समय उन्होंने कहा था कि पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले उनका पूरा ध्यान एशियन गेम्स में पदक जीतने पर है। 

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