Haryana Roadways Employees: हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, निजी बसों को परमिट देने के विरोध में प्रदर्शन

हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, निजी बसों को परमिट देने के विरोध में प्रदर्शन
 
 Haryana Roadways Employees: हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, निजी बसों को परमिट देने के विरोध में प्रदर्शन
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Haryana Roadways Employees: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर सरकार द्वारा 262 मार्गो पर 3658 प्राइवेट रुट परमिट देने के विरोध में आज प्रदेश के डिपुओं में विरोध प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों द्वारा निजीकरण के खिलाफ व मानी गई मांगों को लागू नहीं करने पर जमकर नारेबाजी की।

हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र दिनोद, सुमेर सिवाच, ओमप्रकाश ग्रेवाल, जयबीर घणघस, आजाद गिल, जगदीप लाठर, वीरेंद्र सिगरोहा, दिनेश हुड्डा, जयभगवान कादियान, संजीव कुमार, मायाराम उनियाल, अमित महराना, हरिकृष्ण व 

निरज शर्मा ने संयुक्त बयान में सरकार से सवाल करते हुए कहा प्रदेश की जनता की प्राइवेट बसों की मांग नहीं तो सरकार 262 मार्गों पर 3658 रुट परमिट देने पर क्यों अड़ी हुई है? 

जबकि प्रदेश भर की आम जनता व छात्र-छात्राओं द्वारा पंचायतों के माध्यम से व रोड़वेज कर्मचारियों द्वारा चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से सरकार से सरकारी बसों की मांग लगातार कर रही हैं। 

उन्होंने कहा वर्तमान में जो प्राइवेट परमिट धारक वाली बसे चल रही हैं,इन बसों में सरकार द्वारा दी जा रही किसी भी सुविधा को लागू नही किया जा रहा हैं। जिनकी शिकायते छात्र-छात्राओं, बुजर्गों, आम जनता द्वारा समय समय करने के बाद भी कोई सुनवाई नही हो रही हैं।

रोड़वेज की सरकारी बसें प्राइवेट बसों से ज्यादा टैक्स सरकारी खजाने में जमा करवाती है। सरकारी बसों की बढ़ोतरी होने से बेराजगारों को स्थाई व सुरक्षित रोजगार मिलता हैं। जबकि प्राइवेट बसों को परमिट देने से बेरोजगारों को कम वेतन देकर खिलवाड़ किया जा रहा हैं। 

उन्होंने कहा आए दिन प्रदेश की जनता प्राइवेट बसों की दुर्घटनाओं की शिकार हो रही है। सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार से मांग की अगर सरकार की नीयत जनता व बेरोजगारों के प्रति सही है तो 3658 रुट परमिट देने का निर्णय रद्द कर विभाग में 10 हजार सरकारी बसें शामिल किया जाए, ताकि जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 60 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सके। 

कर्मचारी नेताओ ने सरकार को स्पस्ट चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार निजीकरण पॉलिसी अगर वापिस नही लेती हैं, तो 14 जुलाई को पूरे प्रदेश के सभी डिपो व सब डिपो के हजारों कर्मचारियों द्वारा परिवहन मंत्री आवास अम्बाला शहर में घेराव करके आगामी बड़े आंदोलन की घोषणा करने को मजबूर होंगे।