Haryana Loksabha Election: हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर केवल 4 महिला कैंडिडेट: किसी को गुटबाजी तो किसी को मजबूरी में मिला टिकट

हरियाणा की बहू बेटियां प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। लेकिन राजनीति में अभी भी महिलाओं की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं हुई है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर प्रमुख पार्टियों ने सिर्फ 4 महिला कैंडिडेंट को ही टिकट देकर विश्वास जताया है।
 
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर केवल 4 महिला कैंडिडेट: किसी को गुटबाजी तो किसी को मजबूरी में मिला टिकट
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Haryana Loksabha Election: हरियाणा की बहू बेटियां प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। लेकिन राजनीति में अभी भी महिलाओं की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं हुई है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर प्रमुख पार्टियों ने सिर्फ 4 महिला कैंडिडेंट को ही टिकट देकर विश्वास जताया है।

इनमें से भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस की ओर से एक-एक महिला उम्मीदवार को टिकट दिया गया है। जबकि जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने भी राष्ट्रीय पार्टियों की तरह हिसार लोकसभा सीट से एक-एक महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से कुछ ऐसी महिला प्रत्याशी भी हैं, जिनको राजनीतिक दलों ने मजबूरी में टिकट दिया है।

जजपा-इनेलो ने तो एक परिवार की महिलाओं को हिसार सीट पर टिकट देकर एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने एक सिटिंग महिला सांसद की टिकट काटकर घर बैठा दिया है।

किन महिला उम्मीदवारों को मिला टिकट

अंबाला में भाजपा की बंतो कटारिया
अंबाला में भाजपा ने बंतो कटारिया को चुनाव मैदान में उतारा है। बंतो कटारिया केंद्रीय मंत्री रह चुके रतन लाल कटारिया की पत्नी हैं। उनकी 18 मई 2023 को मौत हो गई थी, जिसके बाद से ये सीट खाली चल रही थी। सियासी जानकारों की माने तो बंतो कटारिया को टिकट देकर पार्टी सिम्पैथी वोट का फायदा लेना चाहती है। कटारिया का अंबाला लोकसभा सीट पर भी अच्छा प्रभाव है, जिसका फायदा भाजपा इस आम चुनाव में लेना चाहती है।


सिरसा में कांग्रेस की कुमारी सैलजा
सिरसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने कुमारी सैलजा को उम्मीदवार बनाया है। सियासी जानकार सैलजा को टिकट देना सूबे की गुटबाजी को बता रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा जानते थे कि सैलजा SRK गुट में उनके खिलाफ सबसे मजबूत है। आने वाले विधानसभा चुनाव में वह उनके लिए मुश्किलें खड़ी न कर सकें, इसलिए हुड्‌डा गुट ने सैलजा को सिरसा से टिकट दिलाने की पैरवी की।

चूंकि सिरसा आरक्षित सीट है और सैलजा का यहां अच्छा प्रभाव भी है। इस कारण से भी उनकी दावेदारी अन्य उम्मीदवारों पर भारी रही।


इनेलो ने हिसार से सुनैना चौटाला को उतारा
इनेलो ने हिसार लोकसभा सीट से सुनैना चौटाला को प्रत्याशी बनाया है। उन्हें टिकट मिलने में पारिवारिक पार्टी होने का फायदा मिला है। वह देवीलाल की पौत्रवधू हैं। यही वजह रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, इनेलो नेता अभय सिंह ने सुनैना को इनेलो की महिला विंग की प्रदेश महासचिव मनोनीत किया है।

खास बात यह कि सुनैना देवीलाल परिवार की दूसरी महिला हैं, जो सियासत में सक्रिय हैं। इससे पहले वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में सुनैना की जेठानी नैना राजनीति में आई थी जो हलका डबवाली से विधायक बनकर विधानसभा में पहुंची थीं। हालांकि फिलहाल वह बाढड़ा सीट से जजपा विधायक हैं।


जजपा ने हिसार से नैना चौटाला को उम्मीदवार बनाया
हिसार लोकसभा सीट से जजपा ने नैना चौटाला को प्रत्याशी बनाया है। वह मौजूदा समय में दादरी जिले के बाढड़ा विधानसभा क्षेत्र से जजपा विधायक हैं। इसके साथ ही वह हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की माता हैं।

नैना चौटाला पूर्व प्रधानमंत्री देवीलाल चौटाला के परिवार से सियासत की दुनिया में आने वाली पहली महिला हैं, जो कि विधानसभा पहुंची हैं। यह पहली बार है कि उन्हें उनके बेटे की पार्टी ने हिसार से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।


BJP-कांग्रेस की बेरुखी रही
इस लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस और भाजपा दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की बेरुखी रही। यही वजह रही है कि भाजपा ने सिरसा से सिटिंग सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट काट दी। उनके स्थान पर आम आदमी पार्टी (AAP) से आए अशोक तंवर को उम्मीदवार बना दिया।

वहीं कांग्रेस ने भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद रह चुकी श्रुति चौधरी को टिकट नहीं दिया। जबकि वह यहां से दूसरे प्रत्याशियों के मुकाबले सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। इसके बाद भी उनके स्थान पर कांग्रेस ने राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया है।