Pregnancy Symptoms: ये होते है प्रेंगनेंसी के शुरूआती लक्षण, महिलाएं ऐसे करें पहचान

 वैसे तो प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए बाजार में कई तरह के उपकरण मौजूद है। लेकिन गर्भ धारण करने के साथ ही महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव।
 
ये होते है प्रेंगनेंसी के शुरूआती लक्षण, महिलाएं ऐसे करें पहचान
WhatsApp Group Join Now

Early Symptoms of Pregnancy:  वैसे तो प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए बाजार में कई तरह के उपकरण मौजूद है। लेकिन गर्भ धारण करने के साथ ही महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव। जिसे पहचान कर आप पता कर सकते है कि आप प्रेगनेंट है या नहीं। गर्भधारण करने के लगभग एक सप्ताह के बाद से महिला खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव करना शुरू कर देती हैं। 

1.    पीरियड्स मिस होना या समय पर नहीं आना : पीरियड मिस होना प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण है। हालाँकि, समय पर पीरियड नहीं आने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि महिला को तनाव होना या उसके शरीर में हार्मोनल असंतुलन होना आदि।


2.    स्तनों में संवेदनशीलता होना : गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में स्तनों में संवेदनशीलता आना, निप्पल्स का रंग बदलना और उनमें हल्का दर्द होना शामिल है। 


3.    बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता होना : प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में बार-बार टॉयलेट जाने की आवश्यकता होना भी शामिल है। इस दौरान शरीर में खून का निर्माण बढ़ने लगता है, जिससे ब्लैडर में फ्लूइड यानी द्रव जमा होने लगता है। 


 
4.    स्तन में भारीपन और दर्द होना : गर्भधारण के बाद महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे स्तनों में भारीपन और हल्का दर्द होता है। हालांकि, कुछ सप्ताह के अंदर हार्मोन में संतुलन होने पर ये समस्याएं दूर हो जाती हैं।

5.    जी मिचलाना और उल्टी आना : प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षणों में पूरे दिन और खासकर सुबह के समय जी मिचलाना और उल्टी होना शामिल है। 

6.    बुखार होना : गर्भाधान के बाद महिला के शरीर में भारी मात्रा में हार्मोनल बदलाव होने के कारण उसे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें कमजोरी, थकान और बुखार शामिल है।

7.    पेट में हल्का दर्द होना : गर्भधारण करने के बाद कुछ महिलाओं को गर्भाशय में हल्का दर्द भी हो सकता है। साथ ही, हार्मोन में बदलाव होने पर दस्त और कब्ज की शिकायत भी हो सकती है। 

8.    मूड में अचानक बदलाव आना : प्रेगनेंसी की शुरुआत में महिला के शरीर में बड़ी मात्रा में हार्मोन्स में उचार-चढ़ाव होते हैं, जिसका महिला के मूड पर असर पड़ता है। यही कारण है कि गर्भधारण की शरुआत में महिला छोटी से छोटी बात पर खुश या दुखी महसूस कर सकती है। साथ ही, यह भी हो सकता है कि महिला सामान्य से अधिक चिंतित या डिप्रेस महसूस करे।