Mughal Harem: क्या सच में मुगल हरम महिलाओं के साथ होता था अत्याचार , जानिए क्या थी हरम की व्यवस्था

मुगल काल में बादशाह के हरम में रखैल, दासियां और हिजड़े भी रहते थे, साथ ही उनकी पत्नियां भी।
 
Mughal Harem: क्या सच में मुगल हरम महिलाओं के साथ होता था अत्याचार , जानिए क्या थी हरम की व्यवस्था
WhatsApp Group Join Now

Mughal Harem:  मुगल काल में बादशाह के हरम में रखैल, दासियां और हिजड़े भी रहते थे, साथ ही उनकी पत्नियां भी। जब मुगल बादशाह अपने विरोधी राजा को हराते थे, तो उनके हरम में हारे हुए राज परिवार की स्त्रियां भी आती थीं। मुगल काल में शहजादे (लड़के) 16 साल की उम्र तक हरम में ही रहते थे।

अकबर के समय हरम को व्यवस्थित रूप मिला। बाबर और हिमायूं के शासनकाल में हरम तो था परन्तु पूर्ण रूप से व्यवस्थित नहीं था। हरम को एक पूर्ण रूप से व्यवस्थित स्वरूप अकबर के काल में मिला। जहांगीर के समय तो हरम अपने चरमोत्कर्ष पर था। औरंगजेब के समय हरम की व्यवस्था में गिरावट आनी शुरू हो गई थी।

मुगल काल के लेखक अबुल फजल के मुताबिक अकबर के हरम में 5000 हजार महिलाएं थीं, जबकि बाबर और हिमायूं के समय ये संख्या केवल 300-400 थी। कुछ विदेशी इतिहासकारों के अनुसार अकबर की तो 300 पत्नियां ही थीं, जो राजनीतिक संधियों और अस्थायी विवाह के माध्यम से पत्नी बनी थीं। बादशाह से जुड़ी हर खास महिला के लिए हरम में अलग-अलग कमरे बने होते थे।

अबुल फजल ने राजपूत राजा मान सिंह के महल में भी हरम होने का जिक्र किया है। उनके मुताबिक मान सिंह के हरम में 1500 स्त्रियां थीं। मुगलों के शाही हरम आगरा, दिल्ली, फतेहपुर सिकरी और लाहौर में बनाए गए थे। इन हरम में बादशाह और उसके खास अधिकारी रहते थे। मुगलों ने अहमदाबाद, बहरानपुर, दौलताबाद, मांडू और श्रीनगर में भी मुगलों के हरम थे।