Kaivalya Vohra Success Story: 20 की उम्र में 1000 करोड़ की नेटवर्थ, जानें कैसे खड़ी की यूनिकॉर्न

 
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Kaivalya Vohra Success Story: इस साल सिर्फ एक भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न (Unicorn) बना है। 18-19 साल वह उम्र होती है, जिसमें ज्यादातर लोग अपना करियर डिसाइड करने को लेकर जद्दोजहद कर रहे होते हैं. इस उम्र में एक लड़के ने एक कंपनी बनाई. इसकी वैल्यूएशन अभी 7300 करोड़ रुपये है. यह कारनामा करने वाले लड़के का नाम है कैवल्य वोहरा. कैवल्य की नेटवर्थ अभी 1200 करोड़ से अधिक है. उनकी कंपनी का नाम जिप्टो है.

 

Zepto Success Story: सिर्फ 20 साल की उम्र में 1000 करोड़ रुपये का मालिक,  जानिए Zepto के फाउंडर्स की दिलचस्प कहानी - Zepto Success Story palicha and vohra  networth reach 1000 crore

21 साल में यूनिकॉर्न संभाल रहे हैं...

 

जिस उम्र में लोग यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें कॉलेज में कौनसी सब्जेक्ट लेनी चाहिए, उस उम्र में वोहरा एक यूनिकॉर्न संभाल रहे हैं। इस छोटी सी उम्र में ही उनकी नेटवर्थ 1000 करोड़ रुपये है। कैवल्य वोहरा स्टैनफोर्ड ड्रॉपआउट हैं। TOI #Unstoppable21 जूरी ने बेंगलुरु के इस युवा को 21 साल से कम उम्र के अनस्टॉपेबल 21 इंडियंस के रूप में चुना है। आइए इस युवा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Grocery delivery start-up Zepto's Kaivalya Vohra is the youngest richest  Indian - BusinessToday


 

बिजनस शुरू करने के लिए छोड़ी पढ़ाई


कैवल्य वोहरा ने 18 साल की उम्र में अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के फेमस कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम को छोड़ दिया था। 19 साल की उम्र में उन्होंने जेप्टो की शुरुआत की थी। साल 2001 में जन्मे कैवल्य की शुरुआती पढ़ाई मुबंई में हुई है। उन्होंने यहां कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए।

लेकिन उन्होंने अपना बिजनस करना था। यहां कैवल्य ने अपने दोस्त आदित पालिचा (Aadit palicha) के साथ मिलकर अपना पहला स्टार्टअप शुरू किया। इस स्टार्टअप का नाम उन्होंने GoPool रखा। पढ़ाई के साथ-साथ कंपनी चलाना मुश्किल हो रहा था, इसलिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और मुंबई आ गए।

कॉलेज छोड़ शुरू की कंपनी, 19 साल का लड़का सालभर में बन गया देश का सबसे युवा  अमीर | Zepto Co Founder Kaivalya Vohra Success Story Youngest Indian in  India Rich List
 

कैसे हुई जेप्टो की शुरुआत



जेप्टो का आइडिया कैवल्य को कॉलेज के दौरान ही आया। जब कभी वे कोई सामान आर्डर करते थे, तो उन तक पहुंचने में सामान को कम से कम दो दिन का वक्त लग जाता था। इसी से उन्हें ऐसी कंपनी शुरू करने का आइडिया आया, जो कुछ ही घंटों में सामान की डिलीवरी कर दे। इसके बाद उन्होंने साल 2021 में कोरोना महामारी के दौरान जेप्टो की शुरुआत की। ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी शुरू करने के लिए सबसे बेहतर समय था। उन्होंने मुंबई से 1000 कर्मचारियों और डिलीवरी एजेंट्स के साथ कंपनी की शुरुआत कर दी।
 

1 साल में 7300 करोड़ की कंपनी


कोविड में लोग संक्रमण के डर से घरों से नहीं निकलते थे। ऐसे में ऑनलाइन डिलीवरी की मांग काफी बढ़ गई थी, जिसका फायदा जेप्टो को हुआ। एक ही महीने में जेप्टो ने 200 मिलियन कमा लिये थे। एक साल में वैल्यूएशन के मामले में कंपनी 900 मिलियन डॉलर पर पहुंच गई थी। यानी करीब 7300 करोड़ रुपये। इसके साथ ही कैवल्य वोहरा देश में सबसे कम उम्र के अमीर बन चुके हैं।
 

1.4 अरब डॉलर हुई वैल्यूएशन


हाल ही में जेप्टो ने सीरीज-ई फंडिंग में 200 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इसके साथ ही जेप्टो की वैल्यूएशन 1.4 अरब डॉलर हो गई है। आदित पालिचा और कैवल्य वोहरा अगले 2-3 साल में कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट करना चाहते हैं। जेप्टो देशभर में वितरण केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से 10 मिनट में 6,000 से अधिक किराना उत्पादों को डिलीवर करता है।

चल निकला 10 मिनट वाला आइडिया


कैवल्य अपने बिजनस को बारीकी से देखते थे। उन्होंने पाया कि जिन लोगों के पास जल्दी सामान पहुंच रहा था, वे बार-बार सर्विस ले रहे थे। उन्होंने सोचा की क्यों ना डिलीवरी टाइम को घटाने पर काम किया जाए। शुरुआत में लोगों तक सामान पहुंचाने के लिए 45 मिनट का वक्त लगता था।

लेकिन बाद में जेप्टो 10 मिनट में डिलीवरी वाला कॉन्सेप्ट ले आई। इस तरह जेप्टो ने ब्लिंकिट और बिग बाजार को अच्छा कंपटीशन दिया। कैवल्य का 10 मिनट वाला आइडिया चल निकला और कंपनी को बंपर प्रॉफिट होने लगा।