IAS Success Story: हिंदी मीडियम के स्टूडेंट ने क्लियर किया UPSC एग्जाम, चौथे प्रयास में बना IAS अफसर, जाने इनकी सफलता की कहानी

 
IAS Success Story : राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी देव चौधरी यूपीएससी 2016 क्लियर करने वाले सरहदी जिले बाड़मेर के रहने वाले हैं। देव चौधरी ने बाड़मेर कॉलेज से ही बीएससी किया। आईएएस बनने का लक्ष्य उन्होंने अपनी कम उम्र में ही तय कर लिया था।    देव कुमार हिंदी मीडियम के स्टूडेंट रहे हैं। यूपीएससी की तैयारी के दौरान हिंदी का स्टैंडर्ड स्टडी मैटेरियल सर्च करने में काफी जद्दोजहद करना पड़ा। देव चौधरी ने साल 2013 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया। इसके चलते उनके लिए इंग्लिश को भी अच्छी तरह सीखना पड़ा।    ias dev chaudhary  देव ने अगला अटेम्प्ट 2012 में दिया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स के साथ मेन्स को भी पास किया, लेकिन इंटरव्यू चरण में बाहर हो गए। लेकिन इससे उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने साल 2014 में एक और बार यूपीएससी परीक्षा दी। इस बार भी उन्होंने आईएएस बनने में सफलता नहीं पाई।    उन्होंने यूपीएससी की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ ही शुरू कर दी थी। उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनके पिता टीचर थे। उनकी शुरुआती स्कूलिंग गांव के ही स्कूलिंग में हुई।   ias dev chaudhary  देव बताते हैं कि उनके पिता सुजानराम शिक्षक थे। इसके चलते आर्थिक तंगी का तो सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन बार-बार मिलने वाली असफलताओं ने जरूर सबको निराश कर दिया था। देव चौधरी तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। देव ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में रहकर की थी।
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 IAS Success Story : राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी देव चौधरी यूपीएससी 2016 क्लियर करने वाले सरहदी जिले बाड़मेर के रहने वाले हैं। देव चौधरी ने बाड़मेर कॉलेज से ही बीएससी किया। आईएएस बनने का लक्ष्य उन्होंने अपनी कम उम्र में ही तय कर लिया था।  

 देव कुमार हिंदी मीडियम के स्टूडेंट रहे हैं। यूपीएससी की तैयारी के दौरान हिंदी का स्टैंडर्ड स्टडी मैटेरियल सर्च करने में काफी जद्दोजहद करना पड़ा। देव चौधरी ने साल 2013 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया। इसके चलते उनके लिए इंग्लिश को भी अच्छी तरह सीखना पड़ा। 

देव ने अगला अटेम्प्ट 2012 में दिया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स के साथ मेन्स को भी पास किया, लेकिन इंटरव्यू चरण में बाहर हो गए। लेकिन इससे उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने साल 2014 में एक और बार यूपीएससी परीक्षा दी। इस बार भी उन्होंने आईएएस बनने में सफलता नहीं पाई।

IAS Success Story : राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी देव चौधरी यूपीएससी 2016 क्लियर करने वाले सरहदी जिले बाड़मेर के रहने वाले हैं। देव चौधरी ने बाड़मेर कॉलेज से ही बीएससी किया। आईएएस बनने का लक्ष्य उन्होंने अपनी कम उम्र में ही तय कर लिया था।    देव कुमार हिंदी मीडियम के स्टूडेंट रहे हैं। यूपीएससी की तैयारी के दौरान हिंदी का स्टैंडर्ड स्टडी मैटेरियल सर्च करने में काफी जद्दोजहद करना पड़ा। देव चौधरी ने साल 2013 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया। इसके चलते उनके लिए इंग्लिश को भी अच्छी तरह सीखना पड़ा।    ias dev chaudhary  देव ने अगला अटेम्प्ट 2012 में दिया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स के साथ मेन्स को भी पास किया, लेकिन इंटरव्यू चरण में बाहर हो गए। लेकिन इससे उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने साल 2014 में एक और बार यूपीएससी परीक्षा दी। इस बार भी उन्होंने आईएएस बनने में सफलता नहीं पाई।    उन्होंने यूपीएससी की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ ही शुरू कर दी थी। उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनके पिता टीचर थे। उनकी शुरुआती स्कूलिंग गांव के ही स्कूलिंग में हुई।   ias dev chaudhary  देव बताते हैं कि उनके पिता सुजानराम शिक्षक थे। इसके चलते आर्थिक तंगी का तो सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन बार-बार मिलने वाली असफलताओं ने जरूर सबको निराश कर दिया था। देव चौधरी तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। देव ने यूपीएससी की तैयारी दिल्लीIAS Success Story : राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी देव चौधरी यूपीएससी 2016 क्लियर करने वाले सरहदी जिले बाड़मेर के रहने वाले हैं। देव चौधरी ने बाड़मेर कॉलेज से ही बीएससी किया। आईएएस बनने का लक्ष्य उन्होंने अपनी कम उम्र में ही तय कर लिया था।    देव कुमार हिंदी मीडियम के स्टूडेंट रहे हैं। यूपीएससी की तैयारी के दौरान हिंदी का स्टैंडर्ड स्टडी मैटेरियल सर्च करने में काफी जद्दोजहद करना पड़ा। देव चौधरी ने साल 2013 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया। इसके चलते उनके लिए इंग्लिश को भी अच्छी तरह सीखना पड़ा।    ias dev chaudhary  देव ने अगला अटेम्प्ट 2012 में दिया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स के साथ मेन्स को भी पास किया, लेकिन इंटरव्यू चरण में बाहर हो गए। लेकिन इससे उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने साल 2014 में एक और बार यूपीएससी परीक्षा दी। इस बार भी उन्होंने आईएएस बनने में सफलता नहीं पाई।    उन्होंने यूपीएससी की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ ही शुरू कर दी थी। उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनके पिता टीचर थे। उनकी शुरुआती स्कूलिंग गांव के ही स्कूलिंग में हुई।   ias dev chaudhary  देव बताते हैं कि उनके पिता सुजानराम शिक्षक थे। इसके चलते आर्थिक तंगी का तो सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन बार-बार मिलने वाली असफलताओं ने जरूर सबको निराश कर दिया था। देव चौधरी तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। देव ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में रहकर की थी।  में रहकर की थी।

 उन्होंने यूपीएससी की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ ही शुरू कर दी थी। उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनके पिता टीचर थे। उनकी शुरुआती स्कूलिंग गांव के ही स्कूलिंग में हुई। 

देव बताते हैं कि उनके पिता सुजानराम शिक्षक थे। इसके चलते आर्थिक तंगी का तो सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन बार-बार मिलने वाली असफलताओं ने जरूर सबको निराश कर दिया था। देव चौधरी तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। देव ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में रहकर की थी।