IAS Success Story : गरीबी में बीता बचपन, फिर चाय बेचने वाले ने बिना कोचिंग लगातार 3 बार क्रैक की UPSC परीक्षा, पढ़ें सक्सेस स्टोरी
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हिमांशु का उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के सितारगंज में जन्म हुआ। हिमांशु का पालन-पोषण बरेली जिले के एक छोटे से शहर सिरौली में हुआ था। हिमांशु के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी।
लेकिन उनके सपने बहुत बड़े थे। रोजाना 70 किलोमीटर का सफर तय कर हिमांशु स्कूल जाते थे। पढ़ाई के साथ- साथ हिमांशु ने अपने पिता के साथ सड़क किनारे उनकी छोटी से चाय की दुकान में भी हाथ बटाते थे। परिवार और अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए वह कभी पापा की दुकान में चाय बेचते थे तो कभी अपनी पढाई के साथ- साथ कुछ बच्चों को भी ट्यूशन पढ़ाते थे।
12 वीं पास करने के बाद हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया और यहां से पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने नौकरी भी की। उसके बाद एक सरकारी कॉलेज में रिसर्च स्कॉलर के रूप में काम किया। तभी उन्होनें UPSC के बारें में सोचा और तैयारी शुरू कर दी। हिमांशु की मेहनत रंग लाई। उनके लिए ये सफर तो आसान नहीं था, मगर अपनी मेहनत के दम पर उन्होनें ये मुकाम हासिल किया।
हिमांशु ने बिना कोचिंग के तीन बार UPSC परीक्षा को पास किया। पहले प्रयास में हिमांशु आईआरटीएस (IRTS) के लिए चयनित हुए। उन्होंने साल 2019 UPSC परीक्षा में 309वीं रैंक हासिल कर आईपीएस (IPS) बन गए। वो इसी से खुश नहीं हुए, उसके बाद अपने आखिरी प्रयास में साल 2020 में ऑल इंडिया 139वीं रैंक के हासिल की। हिमांशु की सफलता की कहानी हर किसी को प्रेरित करती है।