IAS Success Story: पहले दो प्रयासों में असफल रही यह अफसर, अब माता पिता की प्रेरणा से बनी आईएएस, जानिए इनकी सफलता की कहानी

 
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IAS Pari Bishnoi Success Story: UPSC की परीक्षा को दुनिया की सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास केवल चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं।

Who is IAS Pari Bishnoi? - Quora

क्योकि इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। इस परीक्षा को पास करने वालों में एक नाम परी बिश्नोई का भी है,  जिन्होंने कड़ी मेहनत के बाद इसमें सफलता पाई। 

IAS बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ माता पिता का 

परी बताती है कि उनके आईएएस बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके माता पिता का रहा है। बता दें अजमेर की रहने वाली परी बिश्नोई के पिता मनीराम बिश्नोई एक एडवोकेट हैं और उनकी मां सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी थानाधिकारी। परी के बाबा अपने गांव के 4 बार सरपंच रहे थे। परी ने सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है।

UPSC Success story : IAS के तीसरे प्रयास में बाजी मार...

तीसरे प्रयास में की परीक्षा पास 

इसके बाद परी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गईं‌। परी बताती है कि बचपन से ही उनके माता पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और हमेशा उनका साथ दिया। जब परी अपने पहले दो प्रयासों में असफल रही तब उनकी माता ने उनका हौसला बढ़ाया और कभी ना हार मानने का जज्बा भी दिया। जिसके चलते परी ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) निकाली और 30 वीं रैंक भी अर्जित प्राप्त की।  

सोशल मीडिया पर रहती है ज्यादा एक्टिव 

Pari Bishnoi (@pari.bishnoii) • Instagram photos and videos

इसी के साथ बता दें कि आईएएस परी बिश्नोई सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर काफी लोकप्रिय है। इंस्टाग्राम पर उनके हजारों में फॉलोअर्स हैं। वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी फोटोज़ शेयर करती रहती हैं। फिलहाल वह मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस में असिस्टेंट सेक्रेटरी  के तौर पर पोस्टेड हैं।  

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टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान देना जरूरी 

इसी बीच परी ने बताया कि उम्मीदवारों को सभी विषय की एनसीईआरटी किताबें पढ़नी चाहिए। इसके साथ ही पिछले साल के पेपर अवश्य हल करना चाहिए और मॉक टेस्ट भी देना चाहिए। सही रणनीति के साथ नियमित रूप से पढ़ाई और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस के अलावा टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान देना जरूरी है।