IAS Anuradha Pal Success Story: पिता ने दूध बेचकर बेटी को पढ़ाया, बेटी ने IAS अफसर बनकर किया सपना पूरा, एक नहीं दो बार किया UPSC क्लियर

 आज हम आपको आईएएस अनुराधा पाल की सफलता की कहानी सुनाएंगे, जो आपके लिए प्रेरणा स्रोत होगी। यह कहानी एक गरीब परिवार में पली हुई अनुराधा की है, जिनके सपने बहुत बड़े थे।
 
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IAS Anuradha Pal Success Story daughter of a Milk Seller: आज हम आपको आईएएस अनुराधा पाल की सफलता की कहानी सुनाएंगे, जो आपके लिए प्रेरणा स्रोत होगी। यह कहानी एक गरीब परिवार में पली हुई अनुराधा की है, जिनके सपने बहुत बड़े थे। इन सपनों को पूरा करने के लिए संसाधनों की कमी थी, लेकिन उनका उत्साह आसमान छू रहा था। उन्होंने इस उत्साह को मजबूत बनाया और देश की सबसे कठिन परीक्षा, एक ही बार नहीं, बल्कि दो बार पास कर लिया।

आईएएस अनुराधा पाल कौन हैं

आईएएस अनुराधा पाल मूल रूप से हरिद्वार जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता दूध बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा पूरी की है और उत्तराखंड में ही गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है।

बचपन में गरीबी का सामना

उनका परिवार गरीब था, और उनका बचपन गरीबी में बीता। संसाधनों की कमी थी, इसलिए अनुराधा ने पढ़ाई के साथ ही नौकरी भी की। अनुराधा पाल ने हरिद्वार के नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की!


इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी

2008 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह टेक महिंद्रा कंपनी में चयन हो गयी, लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने नौकरी से निकलने के लिए ट्यूशन पढ़ाने के लिए बच्चों को ट्यूशन देने का काम किया। इसके बाद, वे तीन साल तक कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की में लेक्चरर की भूमिका निभाईं!

पहली बार 451वीं रैंक और दूसरी बार 62वीं रैंक

साल 2012 में, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा सफलतापूर्वक पास की, लेकिन उनकी रैंक 451 थी। इस वजह से उन्हें आईएएस कैडर में चयन नहीं मिला। अनुराधा पाल ने अपनी यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। साल 2015 में, उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 62 हासिल की, और इस बार उनका सपना आईएएस बनने का पूरा हो गया।