मैंने विशाल से सच्चा प्यार किया था...अब उसके पास जा रही हूं, लड़की ने ये लिख कर की अपनी जीवन समाप्त

प्यार एक बेहतर एहसास है, लेकिन हद से ज्यादा प्यार का खुमार कई बार जान का दुशमन बन जाता है।
 
दसव
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प्यार एक बेहतर एहसास है, लेकिन हद से ज्यादा प्यार का खुमार कई बार जान का दुशमन बन जाता है। ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर से  सामने आई है। जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है।

यहां शुक्लागंज में दो दिन पहले प्रेमी की आत्महत्या से आहत प्रेमिका ने  रविवार को एक होटल के कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। मौके से सुसाइड नोट, देसी शराब की शीशी और ब्लेड बरामद हुआ है। 

सुसाइड नोट में लिखा है कि मां-पापा मुझे माफ कर देना, मैं आपकी अच्छी बेटी नहीं बन सकी। मैंने विशाल से सच्चा प्यार किया था, शादी भी की और उसके पास जा रहीं हूं। मोहल्ला अंबिकापुरम निवासी रमेश चंद्र की पुत्री मानसी (27) उन्नाव स्थित एक फाइनेंस बैंक में लोन डिपार्टमेंट में काम करती थी। 


कोतवाली प्रभारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि होटल में दी गई आईडी के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई। पिता रमेश चंद्र ने बताया कि मानसी की डेढ़ साल पहले नीट परीक्षा के दौरान गोविंदनगर निवासी विशाल दुबे से मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई। 


पिता ने दी जानकारी 


पिता ने वह बेटी की शादी विशाल से करने को तैयार थे, लेकिन विशाल के परिवार वाले तैयार नहीं थे। इसकी वजह से विशाल ने 12 मई को घर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। मानसी रविवार को विशाल का चेहरा आखिरी बार देखने की बात कहकर घर से निकली थी। इसके बाद उन्हें उसकी मौत की सूचना मिली।


पहले ब्लेड से नस काटने का किया प्रयास


उधर, पुलिस के अनुसार बाएं हाथ की नस में चोट थी। आशंका है कि सुसाइड के लिए ब्लेड से नस काटने का प्रयास किया होगा। वहीं, होटल मैनेजर का कहना है कि युवती सुबह दस बजे आई और किसी गेस्ट के आने की बात कहकर कमरा पांच सौ रुपये में बुक कराया था। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मानसी के परिवार की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है।


ये मिला सुसाइड नोट


मां-पापा मुझे माफ कर देना, मैं आपकी अच्छी बेटी नहीं बन सकी। रोना मत, मैं आपको झूठ बोलकर घर से निकली हूं। मैं उसके बिना नहीं जी सकती, उसके जैसा मुझे पूरी दुनिया में कोई नहीं मिलेगा। मेरे पति को उसकी मां खा गई, मैंने अपनी मर्जी से खुदकुशी की है। किसी के दबाव में आकर नहीं की, मैं जा रही हूं अपने विशाल के पास।