खनन सामग्री के रेट बढ़ने से आम आदमी के लिए घर बनाना हुआ महंगा, यहां देखें नया रेट

 
खनन सामग्री के रेट बढ़ने से आम आदमी के लिए घर बनाना हुआ महंगा, यहां देखें नया रेट 
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चौतरफा महंगाई के बीच अब आम आदमी के लिए अपने सपनों का आशियाना बनाना भी महंगा हो गया है। चरखी दादरी स्थित पहाड़ी जोन में पत्थर का भाव बढ़ने से रोड़ी व क्रेशर के रेट में बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन महीनों के दौरान रेट 80 रूपए तक बढ़ गए हैं। माइनिंग कंपनियों द्वारा पत्थर के दाम तीन बार बढ़ाए जा चुके हैं, जिससे खनन सामग्री लगातार महंगी हो रही है।

इस तरह बढ़े भाव

मार्च महीने में पिचौपा जोन पहाड़ में माइनिंग कंपनी क्रेशर मालिकों को जो पत्थर 285 रूपए प्रति टन देती थी, वो अब 75 रूपए बढ़कर 350 रूपए हो गया है। मार्च और अप्रैल में क्रेशर का रेट 550 रूपए प्रति टन था लेकिन अब बढ़कर 650 रूपए हो गया है। इसी तरह रोड़ी का रेट 425 रूपए प्रति टन था लेकिन अब 470 रूपए तक पहुंच गया है। ये रेट तो पहाड़ी जोन के है, अगर कोई स्टॉक से खरीदता है तो और भी महंगा मिल रहा है। 

शहर के हिसाब से बढ़ते रेट

पिचौपा जोन पहाड़ से 650 रूपए प्रति टन खरीदे गए क्रेशर का रेट रोहतक पहुंचते ही 1100 रूपए प्रति टन, दिल्ली में 1800 रूपए प्रति टन और ग्रेटर नोएडा में 2100 रूपए प्रति टन पहुंच जाता है। इस पहाड़ी जोन में सफेद डस्ट (क्रेशर) का उत्पादन होता है, जिसकी सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। हालांकि माइनिंग कंपनियों द्वारा पत्थर के दाम में बढ़ोतरी के विरोध में तीन दिन तक क्रेशर बंद किए गए थे लेकिन इस महीने फिर से 10 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई है।

दूसरे राज्यों में डिमांड

दादरी जिले के पहाड़ी जोन में मौजूद सफेद डस्ट (क्रेशर) की हरियाणा सहित साथ लगते राज्यों में काफी डिमांड रहती है। प्रतिदिन 5 हजार गाड़ियों से दूसरे राज्यों में खनन सामग्री सप्लाई होती है। वहीं क्रेशर संचालकों का कहना है कि क्रेशर व रोड़ी का रेट पत्थर के दाम पर डिपेंड करता है। पिछले तीन महीनों में पत्थर का भाव बढ़ा है तो खनन सामग्री के रेट भी बढ़ाए गए हैं। माइनिंग कंपनियां मर्जी से भाव बढ़ाती है जबकि पत्थर की खरीद के बाद क्रेशर मालिक लागत के अनुसार रोड़ी व क्रेशर का रेट बढ़ाता है।