Disease: इस कांटेदार पौधे में छिपा कई बीमारियों की राज, कई रोगों का होता प्राकृतिक उपचार

तनाव और जीवन की भागदौड़ के कारण हर उम्र के लोगों में सिरदर्द की समस्या बहुत आम हो गई है। ऐसे में कटेरी के काढ़े का सेवन करने से सिरदर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है। कटेरी के फल के रस का माथे पर लेप लगाने से भी सिरदर्द कम होता है।
कटेरी का पौधा खासतौर पर अपने कंटीले रूप के लिए जाना जाता है। इसे कंटकारी भी कहते हैं। कटेरी के पत्ते हरे रंग के, फूल नीले और बैंगनी रंग के, और फल गोल और हरे रंग के सफेद धारीदार होते हैं। आयुर्वेद में कटेरी का एक अहम स्थान है; कई समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह रामबाण उपाय है।
कटेरी एक प्रकार का कांटेदार पौधा होता है जो जमीन में फैला होता है। इसके कई प्रकार के औषधीय गुण अनेक बीमारियों के उपचार में सहायक होते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए इस कंटीले पौधे का उपयोग सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। हालांकि, बहुत कम लोग इसके फायदों के बारे में जानते हैं।
बालों को झड़ने से बचाने और गंजेपन की समस्या को दूर करने के लिए भी कटेरी का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप कटेरी के पत्तों के रस को शहद के साथ मिलाकर सिर में लगाते हैं तो गंजेपन की समस्या दूर हो सकती है। इसके साथ ही कटेरी के फल का रस सिर में लगाने से बालों में रूसी की समस्या में भी आराम मिलता है।
कटेरी का इस्तेमाल आंखों के दर्द, रतौंधी और आंखों के लाल होने जैसी समस्याओं में भी किया जाता है। इसके पत्तों की लुगदी को आंखों पर बांधने से आंखों का दर्द कम होता है और राहत मिलती है। इसके अलावा, कटेरी का सेवन खांसी और सांस से संबंधित समस्याओं में बहुत लाभकारी होता है। कटेरी के फूल का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है। इसके अलावा, कटेरी के रस से बने काढ़े का सेवन भी खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में लाभकारी है।