Chankaya Niti: आप अपने दुश्मन को भी दोस्त बना सकते हैं, बस चाणक्य की एक बात याद रखें

चाणक्य ने नीतिशास्त्र नामक एक पुस्तक लिखी, जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है। यह वर्तमान समय में बहुत प्रासंगिक है। जो भी व्यक्ति चाणक्य नीति को अच्छे से समझ लेता है। उसका जीवन बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि व्यक्ति को दूसरों को परखने की क्षमता मिल जाती है।
वह व्यक्ति के हाव-भाव, विचार और सोच को अच्छे से समझने में सक्षम हो जाता है, क्योंकि चाणक्य नीति में स्त्री और पुरुष दोनों के गुण और अवगुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है। जो व्यक्ति को आगाह करता है। साथ ही ये नीतियां लोगों का मार्गदर्शन भी करती हैं। ऐसे में चाणक्य ने कुछ ऐसी नीतियां बताई हैं, जिनके जरिए दुश्मन को भी दोस्त बनाया जा सकता है।
शत्रु को मित्र बनाने के लिए अपनाएं ये चाणक्य नीति
चाणक्य नीति ने एक श्लोक में बताया है कि जिस प्रकार जंगल में शिकारी हिरण को अपने जाल में फंसाने के लिए मीठी आवाजें निकालता है, हिरण उन आवाजों से मंत्रमुग्ध होकर उसके चंगुल में फंस जाता है। इसी प्रकार किसी को या शत्रु को अपना बनाने के लिए व्यक्ति को मधुर वचन बोलने चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बुरा चाहने वाले व्यक्ति के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार रखने से शत्रु का हृदय परिवर्तित हो जाता है।
शत्रुओं के प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि व्यक्ति को किसी से भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शत्रुता रखना आपके लिए घातक हो सकता है। यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए शत्रु के प्रति अच्छा व्यवहार रखना चाहिए। ऐसे में उनसे मधुर वचन बोलने चाहिए। इसके अलावा शत्रुओं के प्रति भी सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए।