Benjamin Basumatary: नोटों की गड्डियों पर सोते हुए नेता की Photo हुई वायरल, सच्चाई जान हो जाएंगे दंग

सोशल मीडिया पर रोजाना लाखों तस्वीरें वायरल होती रहती है। इन्में से कुछ ऐसी भी फोटोज होती है जिनपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है।
 
नोटों की गड्डियों पर सोते हुए नेता की Photo हुई वायरल, सच्चाई जान हो जाएंगे दंग
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Benjamin Basumatary: सोशल मीडिया पर रोजाना लाखों तस्वीरें वायरल होती रहती है। इन्में से कुछ ऐसी भी फोटोज होती है जिनपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। इन दिनों इंटरनेट पर एक नेता की तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में दिख रहा शख्स असम के नेता बेंजामिन बासुमतारी है। इस तस्वीर में बेंजामिन बासुमतारी नोटों की गड्डियों पर सोते हुए जमकर वायरल हो रही है।

वायरल फोटो में बेंजामिन बासुमतारी आधे कपड़ों में नोटों की गड्डियों पर बिस्तर पर लेटे हुए हैं और उनके चारों ओर 500 रुपये के नोट बिखरे हुए हैं।

दावा: 5 साल पहले दोस्तों की पार्टी में ली गई थी तस्वीर
विवाद बढ़ने के बाद अब बेंजामिन बसुमतारी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो बता रहे हैं ये कि ये तस्वीर 5 साल पुरानी है। इस वीडियो में वह ये भी बता रहे हैं कि इसका यूपीपीएल या बीटीसी सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।

बताया जा रहा है, यह तस्वीर पांच साल पहले बेंजामिन बसुमतारी के दोस्तों द्वारा पार्टी करते समय ली गई थी और उसके बाद इस तस्वीर के जरिए उन्हें ब्लैकमेल किया गया। फोटो में नकदी बेंजामिन बसुमतारी की बहन की थी।

विवाद बढ़ा तो यूपीपीएल ने दी सफाई
वायरल तस्वीर पर विवाद शुरू होने के बाद यूपीपीएल ने फौरन सफाई देते हुए कहा कि बेंजामिन बसुमतारी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के नेता नहीं हैं।

यूपीपीएल के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने कहा कि,बासुमतारी अब पार्टी के सदस्य नहीं हैं। उन्हें 10 जनवरी 2024 को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

यूपीपीएल ने यह भी कहा, "बासुमतारी की तस्वीर के लिए पूरी तरह वह जिम्मेदार हैं। पार्टी उनके किसी भी व्यक्तिगत एक्ट के लिए जवाबदेह नहीं है।''


 

कौन हैं बेंजामिन बसुमतारी?
बेंजामिन बसुमतारी असम के भैरगुरी में ग्राम परिषद विकास समिति (VCDC) के अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि यूपीपीएल ने वीसीडीसी अध्यक्ष पद से भी हटा दिया था।

बेंजामिन बसुमतारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उनपर आरोप था कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्रामीण रोजगार योजना के तहत लाभार्थियों से रिश्वत ली थी।