सुहागरात क्या है और सुहागरात के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं

 
सुहागरात क्या है और सुहागरात के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं
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सुहागरात हर नव-दंपति‍ के जीवन की सबसे अहम रात होती है। ऐसा माना जाता है कि सुहागरात की रात का सीधा संबंध संभोग क्रिया से होता है।

लेकिन ये गलत है। सुहागरात सिर्फ संभोग नहीं बल्कि नए जीवन की शुरूआत से जुड़ा है। शादी से लेकर सुहागरात तक का लंबा सफर होता है।

सुहागरात इस सफर का अंतिम पड़ाव होता है इसके बाद नववाहित पूरी तरह से एक-दूसरे के हो जाते हैं।

हमेशा ये ध्यान में रखना जरूरी है कि सुहागरात सिर्फ दो जिस्मों का मिलन नहीं बल्कि एक नए जीवन की शुरूआत भी होती है।

आज हम आपको बताएंगे सुहागरात क्या होती है, सुहागरात में क्या होता है, सुहागरात के दिन क्या करना चाहिए और किन चीज़ों को करने से बचना चाहिए।


सुहागरात क्या होती है?
What is suhagrat?
सुहागरात (suhagrat) का सीधा संबंध नवविवाहित शादी-शुदा जोड़े से है। सुहागरात शब्द सामने आते ही दुल्हन के चेहरे पर जहां चमक आती है वहीं वो शरमाने भी लगती है।

वहीं दूल्हा सुहागरात के दिन के बारे में सुनते ही उत्साहित हो जाता है। शादी के तुरंत बाद जब पति और पत्नी पहली बार एक साथ एक कमरे में सोते हैं तो तभी से सुहागरात की शुरूआत होती है।

सुहागरात का धार्मिक ग्रंथों में भी बहुत महत्व है। हिन्दू धर्म में होने वाले 16 संस्कारों में से एक संस्कार, विवाह का है। विवाह के रीति-रिवाज़ों में शामिल है सुहागरात।

सुहागरात नव-दंपत्ति के लिए इसीलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये इनके जीवन में आने वाला पहला ऐसा अवसर होता है जिसे वो हमेशा याद रखते हैं।

सुहागरात की रात पर दोनों एक-दूसरे के व्यक्त्वि से परिचित होते हैं और भावी योजनाएं बनाते हैं।

आपको बता दें, सुहागरात को फर्स्ट नाइट और वर-वधू के मिलन की रात के रूप में भी जाना जाता है।

सुहागरात से पहले दूल्हा-दुल्हन अपने कुल देवता की पूजा करते हैं, पूर्वजों को याद करते हैं इससे बड़ों का आशीर्वाद बना रहता है और कुल को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।

इसके अलावा सुहागरात में दूध का होना, मुंह दिखाई, मुंह दिखाई पर दुल्हे का दुल्हन को उपहार देना इत्यादि रस्में भी होती हैं। ऐसे में आइये विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं कि सुहागरात में क्या होता है और सुहागरात के दिन पति-पत्नी के मन में क्या चल रहा होता है।

सुहागरात में क्या होता है?
What happens in suhagrat
भारतीय समाज में विवाह और इससे जुड़े रीति-रिवाज़ों पर खुलकर चर्चा होती है लेकिन सुहागरात पर कोई चर्चा नहीं होती। सुहागरात का नाम आते ही हर कोई चुप्पी साध लेता है।

सुहागरात के बारे में खुलकर बात करना भारतीय समाज में अच्छा नहीं माना जाता। जबकि सुहागरात हर नवविवाहित के जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

सुहागरात के दिन कई परंपरायें होती हैं। दुल्हन की विदाई के बाद ससुराल आकर दुल्हन के स्वागत में चावल का घड़ा, आलता का थाल, कंगना खिलाई, थापा जैसी रस्में होती हैं।

दुल्हा–दुल्हन के कमरे को फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद रात के समय दुल्हन को बादाम और केसर वाला दूध देकर पति के कमरे में भेजा जाता है। यही से सुहागरात की शुरूआत हो जाती है। कमरे में आने के बाद सजी हुई दुल्हन अपने पति का इंतजार करती है।

दुल्हा कमरे में आकर दुल्हन का घूंघट उठाता है और मुंह दिखाई करता है। इसके बाद दोनों एक-दूसरे से कई कस्में और वादें करते हैं।

अपने नए जीवन की शुरूआत करते हुए पति अपनी पत्नी को उपहार देती है। दोनों नए जीवन के लिए कई सपने बुनते हैं। इसके साथ ही दोनों के बीच यौन संबंध बनते हैं और दो आत्माओं का मिलन होता है।


सुहागरात कैसे मनाई जाती है - सुहागरात की रात से जुड़े टिप्स
Suhagrat kaise manate hain, jane suhagrat ki pehli raat se jude tips
शादी के बाद की पहली रात को सुहागरात कहा जाता है और ये रात हर नवविवाहित की जिंदगी का अहम हिस्सा होता है। पति-पत्नी की पहली रात यानि सुहागरात मनाने के तरीके हर किसी के अलग-अलग होते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं सुहागरात कैसे मनाई जाती है। साथ ही ये भी जानिए सुहागरात की पहली रात से जुड़े टिप्स क्या हैं।

सुहागरात मनाने के टिप्स निम्न हैं : -
सुहागरात की रात उतावलापन न दिखाएं
अक्सर देखा गया है कि उत्सुकता के कारण दूल्हे सुहागरात के दिन उतावले हो जाते हैं। आपका ये उतावलापन दुल्हन को असहज कर सकता है। इतना ही नहीं, अत्यधिक उतावलापन फर्स्ट नाइट की परफॉर्मेंस को भी खराब कर सकता है, ऐसे में आप अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पाते। आपकी उतावलेपन के बजाय धीरज रखें। साथी को प्यार करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़े।

इन बातों से ना घबराएं
अक्सर सुहागरात पर महिलाओं को पहली बार सेक्स करने के दौरान योनि में तेज दर्द होता है। कई महिलाओं को रक्तस्राव भी होता है। रक्त आने का कारण हाइमन झिल्ली का टूटना होता है। ऐसी स्थिति होने पर आप घबराएं नहीं बल्कि इसे सहजता से लें।

सेक्स से पहले जरूरी है फोरप्ले
शादी की सुहागरात पर तुरंत सेक्स ना करें बल्कि फॉरप्ले करें। अपने साथी को प्यार करें, आलिंगन करें, चुंबन करें उनसे बातें करें। अपने हाथों से उनके अंगों पर स्पर्श करें। इससे आपका साथी भी सहज होगा और सेक्स के लिए धीरे-धीरे खुद को तैयार करेगा।

प्रोटेक्शन है जरूरी
आमतौर लोग सुहागरात की रात पर ही ये सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें परिवार आगे बढ़ाना है या इंतजार करना है। यदि आप ये सुहागरात पर सुनिश्चित नहीं कर पाएं हैं तो प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। किसी भी तरह के यौन रोग, संक्रमण, अनचाहे गर्भ और अन्य स्थितियों से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल सर्वश्रेष्ठ है।

रील और रीयल लाइफ अलग होती है
यदि आप बॉलीवुड की तरह या पोर्नोग्राफी को ध्यान में रखकर सुहागरात मनाने जा रहे हैं तो अपनी सुहागरात को बर्बाद कर सकते हैं। पहले देखी हुई सभी चीजों और कल्पनाओं को भूल जाएं। जो भी हो रहा है उसे फ्लो में होने दें, इससे आप अपनी सुहागरात को सहजता से मना पाएंगे।

कोई एक्सपेरिमेंट ना करें
अक्सर पुरुष सुहागरात पर ही नए-नए एक्सीपेरिमेंट की योजना बनाते हैं। अगर आपके दिमाग में भी ऐसे कोई ख्याल हैं तो उसे तुरंत भूल जाएं। आप ध्यान रखें कि आप दोनों नई जिंदगी की शुरूआत करने जा रहे हैं ऐसे में साथी को पूरी तरह से बिना जानें, बिना समझे सेक्स के दौरान एक्सपेरिमेंट करना आपके नव-जीवन में खलल डाल सकता है।


सुहागरात की शुरुआत कैसे करें?
Suhagrat ki shuruat kaise kare
सुहागरात में क्या होता है इसकी शुरुआत और सुहागरात की रात के रीति-रिवाज़ शादी के बाद दुल्हन के घर आने के बाद से शुरू हो जाते हैं। ये तब तक चलते है जब तक नयी नवेली दुल्हन अपने कमरे में अपने पति के साथ नहीं चली जाती है।

जब लड़की शादी के बाद विदा होकर लड़के के घर यानि अपने ससुराल आती है तो ससुराल में प्रवेश करने के साथ ही रीति रिवाज़ शुरू हो जाते हैं जैसे द्वार रुकाई, द्वार पर चावल के कलश को पैर से गिराकर घर में प्रवेश, द्वार पर छापे लगाना, अपने पैरो के निशान बनाना आदि।

इस प्रकार हर लड़की को शादी के बाद कई तरह के रीति-रिवाज़ों से गुजरना पड़ता है और इसी के साथ शुरुआत होती है सुहागरात के कुछ रीति-रिवाज़ों की। ऐसे में आइये समझने की कोशिश करते हैं कि सुहागरात में क्या-क्या होता और कैसे इसकी शुरुआत होती है।

सुहागरात के रीति-रिवाज़ों में शामिल हैं : -
दुल्हन की आरती और स्वागत
शादी के बाद विदा होकर दुल्हन के घर आते ही ससुराल के दरवाज़े पर लड़के और लड़की तो रोक दिया जाता है। जिस प्रकार लक्ष्मी को घर में लाने के लिए पूजा और आरती की जाती है। उसी प्रकार घर के दरवाज़े पर दुल्हन की आरती करके उसका घर में स्वागत किया जाता है। फिर लड़की को चावल से भरे कलश को पैर मारकर गिराने को कहा जाता है। उसके बाद लड़की के हाथों में हल्दी और कुमकुम लगाकर घर के मुख्य दरवाज़े पर उसके हाथों के छापे लगए जाते हैं।

दुल्हन के पैरों के निशान
छापे लगवाने के बाद दुल्हन को घर में प्रवेश करते समय अपने पैरों के निशान लगाने को कहा जाता है। इसके लिए रोली के पानी की थाल में दुल्हन को पैरो को डुबोते हुए घर के प्रवेश द्वार से घर के मंदिर तक निशान लगाने होते हैं। इस प्रकार दुल्हन का गृहप्रवेश होता है।

पितृ पूजन
जब लड़की शादी के बाद घर में आती है तो परिवार वाले उसको सीधा घर के मंदिर या पूजा वाले स्थान पर लेकर जाते हैं।वह पर लड़की और लड़के को साथ में पितरो और घर के भगवान की पूजा करने को कहा जाता है। इसी के साथ लड़की अब घर का सदस्य हो जाती है।

अन्य रीति रिवाज़
गृहप्रवेश और पितृ पूजन के बाद दुल्हन को घर वालों और रिश्तेदारों के साथ बिठाया जाता है जहाँ पर कुछ अन्य रीति रिवाज़ किये जाते हैं जैसे - कंगना खेलना, शांति मारना, देवर का भाभी की गोदी में बैठना आदि। इसके बाद दुल्हन को नहा धोकर श्रृंगार करके कुछ अन्य रस्म जैसे सर गुंडी, नंदों और साँस का नेक आदि की रस्में पूरी की जाती है। फिर दुल्हन का रिश्तेदारों से मिलवाया जाता है।

मुंह दिखाई की रस्म
जब नयी नवेली दुल्हन घर में आ जाती है तो सभी रिश्तेदार अपना परिचय देते हुए दुल्हन को मुँह दिखाई देते हैं जिसमें नेक या कुछ तोहफे दिए जाते हैं। इस प्रकार दुल्हन के साथ सभी रस्में खत्म हो जाती हैं इसके बाद दुल्हन को उसके कमरे में भेज दिया जाता है, जिसको पहले से ही सजाया गया होता है। इसी प्रकार सुहागरात की शुरुआत होती है।


सुहागरात की पहली रात को पति-पत्नी को क्या करना चाहिए?
Suhagrat ki pehli raat ko pati patni ko kya kerna chahiye
सुहागरात की पहली रात को पति पत्नी एक नए रिश्ते में बंधते हैं, जो जीवन-भर का रिश्ता होता है। सुहागरात की पहली रात को पति पत्नी के मन उत्सुकता से भरा होता है और वो सोचते है कि वो अब क्या करेंगे। हालाँकि, घबराहट दोनों के मन में होती है लेकिन बिना किसी घबराहट के पति पत्नी को सुहागरात की रात नीचे दी गयी बातों को करना चाहिए।

सुहागरात के दिन क्या करें : -
सुहागरात के दिन एक दूसरे को तोहफा दें
पुराने ज़माने में वधु को तोहफ़ा देने का रिवाज़ हुआ करता था। इसको दुल्हन की मुंह दिखाई भी कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, सुहागरात की रात भगवान राम ने देवी सीता को एक पति-व्रत रहने का वचन दिया था।

इसी वचन को तोहफ़ा में देवी सीता ने स्वीकार किया था। तभी से सुहाग रात की रात में तोहफ़ा देने का रिवाज़ चल पड़ा।आजकल भी लोग अपनी सुहागरात पर एक-दूसरे को तोहफ़ा देते हैं।

तोहफ़ा देने से एक दूसरे के मन में ये ख्याल आता है कि सामने वाले को आपसे प्यार है और आपकी छोटी-छोटी ख़ुशियों की परवाह है। ऐसे में सुहागरात के दिन एक-दूसरे को तोहफ़ा ज़रूर दें।

सुहागरात के दिन आपसे में विश्वास से एक दूसरे को सहज करें
सुहागरात दिन एक दूसरे को तोहफ़ा देने के बाद पति-पत्नी को एक दूसरे को आपस में विश्वास के साथ सहजता लानी चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास से शुरू होता है और सहजता से आगे बढ़ता हैं।

पति-पत्नी को डर व घबराहट के माहौल को सामान्य बनाने के लिए एक दूसरे के साथ हल्का -फुल्का मज़ाक करना चाहिए।

सुहागरात के दिन एक दूसरे को जानने की कोशिश करें
सुहागरात दिन पति-पत्नी को एक दूसरे के साथ बातचीत करनी चाहिए और एक दूसरे को जानने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी आपस में जल्दी ही सहज हो जाते हैं और उन्हें अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।

जब पति-पत्नी आपस में सहज हो जाते हैं तो दोनों को सेक्स और सम्भोग करने में मदद मिलती है। दोनों के मन की घबराहट और शंका दूर हो जाती है। बातचीत के दौरान एक दूसरे की पसंद, ना पंसद, आदतों के बारे में जानने की कोशिश करें।

एक दूसरे की अच्छाइयों को जानें। एक दूसरे के घरवालों के बारे में बताएं। इसी दौरान पति-पत्नी कुछ जरूरी बातों जैसे बच्चे के बारे में, अपनी जॉब के बारे में भी बात कर सकते हैं। इस तरह से सुहागरात दिन एक दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का प्रयास करें।

सुहागरात पर सेक्स आदि के बारे में बात करें
जब पति-पत्नी एक दूसरे के साथ बातचीत के दौरान सहज हो जाते हैं, तो वो किसी भी बारे में बात कर सकते हैं। ऐसे में पति-पत्नी को बातों को आगे बढ़ाते हुए सेक्स आदि के बारे में बात करना चाहिए।

कुछ लोगों की धारणा होती है कि अगर सुहागरात को पति-पत्नी के बीच सेक्स नहीं होता है तो उनकी सुहागरात अधूरी रहती है लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। सुहागरात दिन सबसे अधिक जरूरी होता है कि आप दूसरे का एक दूसरे को समझना और सहज महसूस करना। अगर आप दोनों पहले से ही एक दूसरे के साथ सहज हैं तो आप सेक्स भी कर सकते हैं।


सुहागरात में क्या न करें?
Suhagrat mein kya na kare
सुहागरात (suhagrat) हर स्त्री और पुरुष के लिए बहुत अहम होती है क्योंकि दोनों की ज़िंदगी में यह रात पहली बार आती हैं। पहली रात होने के कारण ज्यादातर लोगों को इसके इस बारे में जानकारी नहीं होती कि इस रात को क्या- क्या नहीं करना चाहिए। इसलिए अब हमको बताने जा रहे हैं कि सुहागरात के दिन आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और उसे करने से बचना चाहिए।

सुहागरात के दिन निम्न ग़लतियों को करने से बचना चाहिए : -
अपनी पत्नी के साथ ज़बरदस्ती या ज़िद ना करें
सुहागरात के दिन, अपनी पत्नी के साथ किसी भी तरह की ज़िद या ज़बरदस्ती न करें। आपके लिए जरूरी है कि आप उन्हें सहज महसूस करवायें और उनकी सहमति हासिल करें ताकि सेक्स करते समय आप दोनों खुश हो। किसी भी तरह की ज़िद या जल्दबाज़ी से आप दोनों के बीच संबंध शुरू होने से पहले खत्म हो सकता हैं।

सुहागरात के दिन शराब, गुटका, नशे आदि से दूर रहें
कभी-कभी लड़के अपने आप को अधिक जोशीला बनाने के लिए किसी नशे आदि का सहारा लेते हैं जैसे गुटका, शराब, ड्रग्स आदि। कोशिश करें इन सबसे आप सुहागरात के दिन दूर रहें। कभी-कभी आपके दोस्त आपको ये सब करने पर मजबूर कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे सुहागरात के दिन नशे आदि करने से बचें। अपना संयम बनाये रखें।

कभी-कभी नशे आदि के प्रभाव में लड़का कुछ ऐसा गलत कर बैठता है जिससे शादी के नए रिश्ते में खटास आ जाती है। ये सब आपके रिश्ते पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसा करके आप अपनी सुहागराt भी खराब कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इस रात आप नशे आदि से दूर रहें।

सुहागरात के दिन संभोग या सेक्स करने के लिए जल्दबाज़ी न दिखाएं
सुहागरात के दिन, कभी-कभी लड़के जोश में उतावले होकर सम्भोग या सेक्स करने की जल्दबाज़ी में लड़की हो शर्मिंदा महसूस करवा देते हैं। सुहागरात के दिन सेक्स करने की जल्दबाज़ी ना करें और संयम बनाकर रखें।

सुहागरात के दिन किसी भी अनावश्यक काम को करने से बचें
सुहागरात शादी-शुदा जोड़े के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण रात होती है। इस रात को किसी भी अनावश्यक काम को करने में बर्बाद ना करें। इस रात को अपनी पत्नी से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि के बारे में बात ना करें। अपनी पत्नी के सामने किसी भी शादी से जुड़ें ख़र्चों या किसी अन्य मामलों के बारे में बात ना करें।

सुहागरात के दिन कोई गलती हो जाने पर घबराये नहीं
सुहागरात की रात को महिला और पुरुष दोनों ही असहज महसूस करते हैं और उन्हें घबराहट महसूस होती है। अगर आपसे घबराहट में कुछ गलत हो भी जाएँ तो डरे नहीं और एक दूसरे को सहज महसूस करवाने की कोशिश करें।

घबराहट और डर के कारण पुरुषों और महिलाओ में समस्याएं आ जाती हैं जैसे यौन समस्या, नपुंसकता, शीघ्रपतन, योनि में दर्द, हीनभावना आदि। ऐसे भी किसी भी तरह की दवाई का सेवन करके किसी भी बुरी लत को ना अपनाएँ और गलती हो जाने पर उसको सुधारने की कोशिश करें। सेक्स करना एक कला है और वो अभ्यास के साथ ही सफल हो पाती हैं।

सुहागरात के दिन लड़की के साथ किसी भी तरह का अभद्र मज़ाक न करें
कभी-कभी लड़के जोश में लड़की के साथ किसी तरह का अभद्र मज़ाक करने लगते हैं या जोश में लड़की के प्राइवेट पार्ट्स के साथ छेड़खानी करने का मज़ाक करने लगते हैं, जो गलत हैं। ऐसा करने से लड़की असहज हो सकती है।

किसी भी तरह का मज़ाक करने से पहले अपनी मर्यादा का ध्यान रखें और लड़की को सहज महसूस करवाए। अगर लड़की आपकी किसी भी मज़ाक या छेड़छाड़ से असहज हो रही हो तो तुरंत रुक जाएँ।

सुहागरात के दिन सेक्स करने के लिए सहमति जरूरी है
कभी-कभी शादी की पहली रात को लड़का या लड़की संबंध बनाने के मूड में नहीं होते हैं और इसके बजाय वो एक-दूसरे को समझने का प्रयास करना चाहते हैं। यह जरूरी नहीं कि शादी की पहली रात को सेक्स करने से ही आपकी ज़िंदगी सफल होगी।

सेक्स करने की शुरुआत करने से पहले आप दोनों को एक दूसरे के मन की बात को जानना जरूरी होता है। आप जो भी उस समय महसूस कर रहे हो अपने पार्टनर से जरूर शेयर करें। अगर आपका मन, मूड या आप में ताकत नहीं है या आप थके हुए हैं तो आपस में जरूर शेयर करें।

निष्कर्ष
Conclusion
सुहागरात हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली सबसे अहम रात होती है।

हालाँकि, पुराने लोग सुहागरात की रात का सीधा संबंध संभोग क्रिया से मानते थे लेकिन आज के ज़माने में सुहागरात के मायने बदल गए है और आजकल लकड़ी और लड़की का आपस में सहज होना अधिक जरूरी होता हैं।

इसलिए आज के समय में सुहागरात सिर्फ संभोग या सेक्स से नहीं बल्कि नए जीवन की शुरूआत से जुड़ा शब्द है।

सुहागरात सिर्फ दो जिस्मों का मिलन नहीं बल्कि एक नए जीवन की शुरूआत भी होती है।