कहानी उस बुजुर्ग दंपति की, जिसने पोते-पोती की आस में बेटे-बहू पर कर दिया 5 करोड़ का केस

 
कहानी उस बुजुर्ग दंपति की, जिसने पोते-पोती की आस में बेटे-बहू पर कर दिया 5 करोड़ का केस
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संपत्ति के लिए अपने माता-पिता पर मुकदमा करना और उन्हें परेशान करना... तो आपने सुना होगा, लेकिन एक माता-पिता अपने बेटे और बहू पर मुकदमा करें और उनसे पांच करोड़ रुपये दिलवाने की मांग कोर्ट से करे तो शायद आपको विश्वास नहीं होगा, मगर यह सच है. पूरा मामला उत्तराखंड के हरिद्वार का है.


दरअसल, हरिद्वार जिला एवं सत्र न्यायालय में एक बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने बेटे-बहु पर मुकदमा किया है और कोर्ट से प्रार्थना की है कि उनको उनके बेटे के लालन पालन और परवरिश पर खर्च किये गए 5 करोड़ रुपये दिलवाए जाए, नहीं तो उनको उनके बेटा और बहू एक वर्ष में पोता या पोती दे.

क्या है पूरा मामला

शादी के 6 साल हो जाने के बाद भी बेटे-बहू के कोई संतान नहीं है और वे शायद संतान पैदा करना भी नहीं चाह रहे हैं. मगर उनके माता पिता की चाहत है कि उनके घर आंगन में छोटे बच्चे की किलकारी गूंजे. वे बच्चे के साथ खेले और अपना मन बहलाये, मगर जब उनके बेटे-बहु ने उनकी नहीं सुनी तो बुजुर्ग माता-पिता कोर्ट पहुंच गए हैं.

नाराज बुजुर्ग माता-पिता ने दोनों पर हरिद्वार की तृतीय एसीजे एसडी -3 कोर्ट में केस कर दिया और अपने बेटे के लालन-पालन और उसकी शिक्षा विवाह आदि में खर्च हुए करीब 5 करोड़ रुपये वापस मांगे है. उनका कहना है कि बेटे को इतना काबिल बनाने के बाद भी अगर उन्हें बुढ़ापे में एकाकी जीवन गुजारना पड़ रहा है तो ये उनके लिए प्रताड़ना के समान है.


कौन है यह बुजुर्ग दंपति?

बुजुर्ग संजीव रंजन प्रसाद बीएचईएल में अधिकारी पद पर कार्यरत थे और रिटायरमेंट के बाद वे अपनी पत्नी साधना प्रसाद के साथ एक हाउसिंग सोसाइटी ग्रीन में रह रहे हैं. बुजुर्ग दंपति ने अपने इकलौते बेटे श्रेय सागर को पढ़ाने लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यहां तक कि अपनी सारी जमापूंजी लगाकर उसे पढ़ाया.

उसे पायलट बाने के लिए विदेश में ट्रेनिंग करवाने के लिए लाखों रुपये भी खर्च किये. अपने जीवन की सारी जमा पूंजी उसके सपनों को पूरा करने में लगा दी. श्रेय सागर का विवाह वर्ष 2016 में नोएडा निवासी शुभांगी सिन्हा के साथ हुआ था. श्रेय सागर पायलट हैं, और उसकी पत्नी शुभांगी भी नोएडा में जॉब करती हैं.

बेटे की शादी करने के बाद बूढ़े मां-बाप की आंखें में एक उम्मीद की किरण थी कि उनके घर मे पोते-पोती होंगे और घर में किलकारी गूंजगी. मगर उनका पोती पोती पाने का इंतजार बस इंतजार बनकर रह गयाय बहू और बेटे ने उन्हें ये सुख देना जरूरी नहीं समझा, जिस पर मजबूर होकर बूढ़े मां-बाप को ऐसा कदम उठाना पड़ा जिसकी किसी ने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की होगी. बुजुर्ग दंपत्ति को कोर्ट से बड़ी उम्मीदें है.Live TV