IAS Ranu Sahu Success Story : इस आईएएस अफसर का रातों रात कर दिया गया था तबादला, बेहद सुर्ख़ियों में रही है यह अफसर, जानिए इस आईएएस अफसर की सफलता की कहानी
IAS Ranu Sahu Success Story: आईएएस बनना तो हर किसी का सपना होता है लेकिन इस सपने को साकार कोई कोई ही कर पाता है। जी हाँ आपको बता दें कि आईएएस बनने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। इसके साथ ही हर विषय की नॉलेज होना जरूरी है।
आज हम आपको एक ऐसी ही आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी गिनती देश की तेजतर्रार अफसरों में की जाती है। आइये जानते हैं उनकी अब तक की जर्नी कैसी रही और क्यों उनका रातोंरात तबादला कर दिया गया था। IAS रानू साहू 2010 बैच की अफसर हैं। रानू साहू का जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में हुआ था. पढ़ाई में रानू अच्छी थीं।
एक इंटरव्यू के दौरान इस अफसर ने बताया था कि उन्हें पुलिस की वर्दी बहुत ही पसंद थी और वो खुद को हमेशा पुलिस की वर्दी में ही देखना चाहती थीं। ग्रेजुएशन करने के बाद जब रानू ने एग्जाम दिया तो उनको डीएसपी का पद मिला। बेटी पुलिस में जाएगी ये बात सुनकर उनके पिता भड़क गए थे. हालांकि बाद में मान गए थे।
डीएसपी बनने के बाद रानू पुलिस की ट्रेनिंग के साथ ही यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। उन्होंने टारगेट फिक्स कर लिया था कि उन्हें अब आईएएस अफसर बनना है। साल 2009 में उन्होंने जब यूपीएससी का एग्जाम दिया तो उनका सेलेक्शन IAS के लिए हो गया। जब वो आईएएस बनीं तो उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला और जब कलेक्टर बनीं तो कांकेर जिला मिला। वह उस जिले की 14वीं कलेक्टर थीं।
जब रानू कोरबा की कलेक्टर थीं तब उनके काम करने के तरीके पर सवाल उठाए गए थे और सीएम से शिकायत भी की गई थी। एक मंत्री से विवाद के चलते रातोंरात उनका ट्रांसफर कोरबा से रायगढ़ कर दिया गया था। रानू साहू के पति का नाम जयप्रकाश मौर्य है और वह मंत्रालय में सचिव के पद पर हैं।