Preeti Lamba : कभी खेतों की मेढ पर दौड़ती थी, अब एशियन गेम्स में दौड़ेगी, पैर की हड्डी टूटी, नौकरी छूटी लेकिन नहीं मानी हार

जानिए हरियाणा के किसान इस बेटी की संघर्ष की कहानी
 
Priti Lamba sports player
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Preeti Lamba : कभी खेतों की मेढ़ पर दौडऩे वाली किसान की बेटी अब एशियन गेम्स में दौडते हुए नजर आएगी। जी हां। हम बात कर रहे हैं किसान की बेटी प्रीति लांबा की, जिनका चयन एशियन गेम्स के लिए हुआ है। चीन में होने वाले एशियन गेम्स के लिए प्रीति लांबा ने चंडीगढ़ में तीन किलोमीटर चेस दौड़ में गोल्ड जीतकर क्वालीफाई किया है। प्रीति ने यह दौड़ 9.34  मिनट में पूरी की।

 फरीदाबाद के गांव जवं की  प्रीति लांबा का एशियन गेम्स में चयन होने पर परिवार में खुशी की लहर है। पिता जगबीर सिंह लांबा और मां राजेश देवी को उम्मीद है कि उनकी बेटी एशियन गेम्स में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करेगी। प्रीति लांबा ने साल 2009  में अपने एथलेटिक करियर की शुरूआत करते हुए पहला पदक जीता था। वह अब तक 50 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर पदक जीत चुकी हैं। प्रीति ने बताया कि एशियन गेम्स क्वालीफाई करने के लिए 9.74  मिनट में तीन किलोमीटर स्टेपलचेस दौड़ को पूरा करना था। उन्होंने यह दौड़ 9.74.07  मिनट में पूरी की अपने अभ्यास को और बढ़ाते हुए इंडियन ग्रांड प्रिक्स में निर्धारित समय से पहले दौड़ को पूरा कर भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली।


पैर टूटने के बाद भी नहीं मानी हार
प्रीति ने बताया कि वर्ष 2017  में वाटर जंप के अभ्यास के दौरान उनके पैर की हड्डी दो जगह से टूट गई थी। उस समय गोरखपुर में रेलवे की नौकरी लगी थी, लेकिन चोट लगने के कारण वह नौकरी नहीं पा सकी। वह इलाज के लिए फरीदाबाद वापस लौट आयी। करीब ढाई महीने के बाद वह बेंगलुरू कैंप में वापस लौट गई थी। 11 महीने की कड़ी मेहनत के बाद प्रीति एक बार फिर ट्रैक पर दौड़ती नजर आने लगी। चोट ठीक होने के बाद सबसे पहले उन्होंने दक्षिण मध्य रेलवे के तीन हजार मीटर बाधा दौड़ के ट्रायल में हिस्सा लिया और पहला स्थान प्राप्त करके नौकरी हासिल की। इसके बाद कभी पलटकर पीछे नहीं देखा।