आखिर क्यों हरभजन को लगा कि उन्हें एक भी विकेट नहीं मिलनी चाहिये, याद किया 2 दशक पुराना किस्सा

 
आखिर क्यों हरभजन को लगा कि उन्हें एक भी विकेट नहीं मिलनी चाहिये, याद किया 2 दशक पुराना किस्सा
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क्रिकेट के इतिहास में किसी भी गेंदबाज के लिये टेस्ट क्रिकेट की एक ही पारी में 10 विकेट हासिल करना बहुत ही खास उपलब्धि होती है. यह क्रिकेट के गलियारों में होने वाली उन दुर्लभ घटनाओं में से एक है जो कि इतिहास में अब तक सिर्फ 3 बार ही घटी है. पिछले साल न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने भारत के खिलाफ मुंबई में यह कारनामा किया था और ऐसा करने वाले तीसरे और भारतीय सरजमीं पर यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे गेंदबाज बने थे.

इस फेहरिस्त में भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले अनिल कुंबले का नाम भी शामिल है जिन्होंने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला (अब अरुण जेटली) स्टेडियम पर पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट अपने नाम किये थे. अनिल कुंबले ने यह कारनाम पाकिस्तान के खिलाफ खेले गये दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अपने नाम किया था, जहां पर उन्होंने 26.3 ओवर्स में 74 रन देकर विकेट हासिल किये.

जब हरभजन को लगा कि उन्हें नहीं मिलनी चाहिये एक भी विकेट

इस फेहरिस्त में तीसरा नाम जुड़ने मे 2 दशक से ज्यादा का समय लगा लेकिन आखिरकार एक और बॉलर ने इस खास लिस्ट में अपना नाम जरूर जोड़ लिया है. भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भी अपने खेल के दिनों में अनिल कुंबले के साथ काफी क्रिकेट खेला था और गेंदबाजी में खतरनाक साझेदारी करते थे.

हरभजन सिंह ने अपने इस सीनियर गेंदबाज की जमकर तारीफ की है और उस लम्हे को याद किया जब कुंबले ने 10 विकेट अपने नाम किये थे जिसे लेकर वो काफी खुश थे. हरभजन ने बताया कि मैच के बाद मुझे अहसास हो रहा था कि मुझे इस मैच में एक भी विकेट नहीं मिलनी चाहिये थी.

स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए हरभजन ने कहा,'वो टेस्ट मैच दिल्ली में था जब अनिल भाई ने 10 विकेट लिये थे. मैं भी उस मैच में खेल रहा था. वो पहली बार था जब मैं एक भी विकेट नहीं चटका पाने के बावजूद खुश था. एक ही पारी में 10 विकेट लेना बहुत बड़ी उपलब्धि है. उस मैच में जब 6-7 विकेट अनिल भाई को मिल गये तो यही लग रहा था कि अब मुझे विकेट नहीं मिलने चाहिये, सारे विकेट इनको (कुंबले) मिलने चाहिये.'

भारत के सबसे बड़े मैच विनर थे अनिल कुंबले

अनिल कुंबले ने साल 2007 से 2008 के बीच भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभाली थी तो वहीं पर 216-17 में हेड कोच की भूमिका भी निभाई थी. उन्होंने अपने 132 टेस्ट मैच के करियर के दौरान 29.65 की औसत से 619 विकेट भी चटकाये थे. हरभजन ने कुंबले की तारीफ करते हुए कहा कि कुंबले स्पिन पर निर्भर नहीं होते थे बल्कि अगर स्पिन नहीं भी हो तब भी वो विकेट निकाल सकते थे.

स्पोर्टस्टार से बात करते हुए हरभजन ने कहा,'मेरी नजर में अनिल भाई भारत के लिये खेलने वाले सबसे महान गेंदबाज रहे हैं. वह भारत की ओर से खेले शायद सबसे बड़े मैच विनर खिलाड़ियों में से एक हैं. लोग कहते हैं कि उनकी गेंद ज्यादा स्पिन नहीं होती थी लेकिन उन्होंने यह साबित किया कि अगर आपके पास जिगरा हो तो आप बैटर्स को फंसा सकते हैं, फिर चाहे स्पिन हो या नहीं. अगर किसी में अनिल भाई की तुलना में आधी भी काबिलियत हो तो वो चैम्पियन बन सकता है. मैं भाग्यशाली था जो मुझे उनके जैसे दिग्गज के साथ इतने साल खेलने का मौका मिला.'