Three lals Of Haryana : हरियाणा के तीनों लालों का पहनावा भी रहा है खास, देखिये ये खास रिपोर्ट

 
Three lals Of Haryana : हरियाणा के तीनों लालों का पहनावा भी रहा है खास, देखिये ये खास रिपोर्ट
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Three lals Of Haryana : हरियाणा की राजनीति के बड़े किरदार रहे तीनों लालों के अपने अनेक किस्से हैं तो इनका लिबास और पहनावा भी अपने-आप में अनूठा रहा है। दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे 6 फीट 3 इंच कदकाठी वाले चौधरी देवीलाल सफेद रंग का धोती कुत्र्ता पहना करते थे।

यही नहीं 80 के दशक में देवीलाल ने धोती कुत्र्ते के साथ सफेद रंग की लम्बी जुराबें और नीचे सफेद रंग की कपड़े की जूते पहना करते थे। उस समय कुत्र्त पायजामे और धोती कुत्र्ते के नीचे जुराबें पहनने का रिवाज नहीं था। देवीलाल की ओर से इत्तफाकिया धोती कुत्र्ते के साथ जुराबें पहनने का सिलसिला शुरू हुआ और 20वीं सदी में यह फैशन भी बन गया। इसी तरह से बंसीलाल और भजनलाल का भी एक खास पहनावा रहा।

दरअसल हरियाणा की साढ़े 5 दशक की सियासत बड़ी रोचक और अनूठी रही है। यहां के नेताओं के पहनावे भी अपने-आप में खास रहे हैं। चौधरी देवीलाल जहां धोती कुर्ते के साथ जुराब पहनते थे, वहीं वे हमेशा कपड़े की सफेद रंग की जूती पहना करते थे।

वे सिर पर हमेशा पगड़ी पहनते थे और एक तरह से उन्होंने भी हरियाणवी पगड़ी को एक नई पहचान देने की रिवायत शुरू की जो बाद में उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने भी निभाई।

1990 में चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने और उस समय वे सिर पर पगड़ी नहीं बांधते थे। इसके कुछ बरस बाद चौटाला सिर पर हरी पगड़ी बांधने लगे। इसके बाद सार्वजनिक जीवन में कभी ऐसा नहीं रहा जब चौटाला ने सिर पर पगड़ी न बांधी हो। देवीलाल और चौटाला तो ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने हमेशा पगड़ी धारण की तो वहीं चौधरी बंसीलाल गांधी टोपी पहनते थे।

खास बात यह है कि देवीलाल ने जब जुराबें पहननी शुरू की तो इसे काफी अजीब सा माना गया। बाद में पूरे नॉर्थ इंडिया में कुत्र्ते पायजामे के साथ जुराबें और जूते पहनने का ऐसा फैशन चला कि जो आज भी जारी है।

चौधरी बंसीलाल

चौधरी बंसीलाल हमेशा साधारण लिबास पहनना पसंद करते थे। अपने शुरूआती जीवन में जब वे वकालत करते थे तो वकील की ड्रेस पहनते थे।

50 के दशक में राजनीति में आ गए और 1968 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। बंसीलाल खुला पायाजामा और साधारण कुर्ता पहना करते थे। खास बात यह है कि बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए वे बहुत बार बिना प्रैस किए हुए कपड़े पहन लिया करते थे।

कई बार उनके साथी राजनेता व मंत्री उन्हें इस बारे में बोलते थे तो वो अक्सर कहा करते थे कि अगर बिना प्रैस वाले कपड़े पहनूंगा तो क्यां आप मुझे चीफ मिनिस्टर नहीं मानेंगे। सफेद रंग का साधारण कुर्ता पायजामा पहनने के अलावा बंसीलाल चमड़े के जूतों के अलाव कभी-कभार स्लीपर पहना करते थे। वे अक्सर सिर पर गांधी टोपी भी धारण करते थे।

चौधरी भजनलाल का चुड़ीदार पायजामा

चौधरी भजनलाल का भी अपना एक खास पहनावा था। भजनलाल सफेद की बजाय हलके छटक रंग का कुर्ता पहना करते थे। वे सूती कपड़े की बजाय सिल्क का कुर्ता पहनते थे। चुड़ीदार पायजामे के अलावा वे धोती पहनना पसंद करते थे। उनकी जूती भी खास तरह की होती थी। भजनलाल तिलेदार जूती पहनना पसंद करते थे। उनका धोती बांधने का स्टाइल भी थोड़ा अलग था।

अब लीलन और कॉटन का चलन

वर्तमान में हरियाणा के तमाम बड़े नेता लीलन और कॉटन का कपड़ा अधिक पसंद करते हैं। सफेद कलर करीब सभी नेताओं का पसंदीदा है। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा , अभय चौटाला, कुलदीप बिश्रोई, कैप्टन अजय यादव, रणदीप सुर्जेवाला, दीपेंद्र हुड्डा, कुलदीप शर्मा, रणजीत सिंह तमाम बड़े नेता सफेद रंग के कॉटन या लीलन के कुर्ते पायजामे पहनना पसंद करते हैं।

अब नीचे स्लीपर की बजाय बिना लेसेस वाले जूते पहनना आज के नेता पसंद करते हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की बात करें तो उनका पहनावा भी दूसरे राजनेताओं से थोड़ा हटकर है। उनका पहनावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेल खाता है। वे चुड़ीदार पायजामा पहनते हैं। छटक रंग के कुत्र्ते पहनते हैं और कुत्र्ते के ऊपर वे हमेशा जॉकेट डालते हैं। जॉकेट का कलर भी छटक ही रहता है।