पलवल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उधयभान ने पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई को कहा "पिद्दी"

 
पलवल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उधयभान ने पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई को कहा "पिद्दी"
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पलवल, 3 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। वह बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे।

कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के 'क्रॉस वोटिंग' करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई को पिद्दी कहा है।

पलवल में बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने प्रैस वार्ता में कहा कि वर्ष 2005 में राज्य में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बिश्नोई और उनके पिता भजनलाल ने 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) बनाई थी। जिसमें हजकां के 7 विधायकों ने जीत हासिल की थी। जिसमें 6 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया। जो विधायक अपने विधायकों को नहीं सभांल पाया वह क्या कांग्रेस के विधायकों को तोडने का काम करेगा। इस्तीफा देने के बाद बिश्नोई ने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आदमपुर से चुनाव लड़ने की चुनौती पर उदयभान ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस का एक कार्यकर्ता ही काफी है आदमपुर से सीट जीतने के लिए। कुलदीप अपना ख्याल करें।

आपको बतां दे कि आदमपुर से मौजूदा विधायक बिश्नोई (53) ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा। बिश्नोई के इस्तीफे के बाद अब हिसार जिले की आदमपुर सीट पर उपचुनाव होगा। कांग्रेस से औपचारिक रूप से अलग होने के बाद बिश्नोई ने कहा मैं एक आम कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा में शामिल हो रहा हूं। उन्होंने कहा मैंने अपनी और अपने समर्थकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है।

इस्तीफा देने के बाद बिश्नोई ने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आदमपुर से चुनाव लड़ने की चुनौती दी। उन्होंने कहा हुड्डा ने मुझे चुनौती दी थी कि कुलदीप बिश्नोई (भाजपा में शामिल होने से) पहले इस्तीफा दें। मैं अब उन्हें, जो 10 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं, चुनौती देता हूं कि आदमपुर में मेरे या मेरे बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ें।कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के 'क्रॉस वोटिंग' करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे बिश्नोई पार्टी से पहले से ही नाराज चल रहे थे। इस साल की शुरुआत में उन्हें कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख पद पर नियुक्त न किए जाने के बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए थे।