Electric Bus : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- दिल्ली से मुंबई तक चलाएंगे इलेक्ट्रिक बस

 
Electric Bus : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- दिल्ली से मुंबई तक चलाएंगे इलेक्ट्रिक बस
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह दिल्ली से मुंबई के नरीमन प्वाइंट तक इलेक्ट्रिक बसें चलाना चाहते हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनियों को ऐसी लक्जरी बसें बनाने की सलाह भी दी है। गडकरी ने यह बात गुरुवार को मुंबई में डबल डेकर वातानुकूलित इलेक्टि्रक बस सेवा का उद्घाटन करते हुए कही।

इलेक्टि्रक बसें ईंधन की दृष्टि से सस्ती

गडकरी ने कहा कि मैंने इंग्लैंड में ऐसी इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल लिया है। ऐसी बसें दिल्ली-मुंबई के बीच बन रहे नए ग्रीन हाइवे पर भी चल सकती हैं। जो सीलिंक के जरिये सीधे नरीमन प्वाइंट तक आ सकती हैं। ऐसी इलेक्टि्रक बसें ईंधन की दृष्टि से भी सस्ती पड़ेगी, और इनसे प्रदूषण भी नहीं फैलेगा।

बस में यह है खास

इलेक्ट्रिक बस की खासियत इस डबल डेकर इलेक्टि्रक बस 231 किलोवाट आवर की क्षमता की बैटरी दी गई है। बस में डुअल गन चार्जर प्रणाली इस्तेमाल की गई है। यह बस एक बार चार्ज होने के बाद 250 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। भारतीय वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने 1976 में मुंबई में डबल डेकर बसों की शुरुआत की थी।

प्रदूषण घटाने के लिए वैकल्पिक ईधन पर जोर

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के आयात में कमी और प्रदूषण में कटौती के लिए इन वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि देश में 35 प्रतिशत प्रदूषण डीजल और पेट्रोल के कारण होता है, इसलिए हमें आयात मुक्त, किफायती, प्रदूषण रहित और स्वदेशी उत्पादों की जरूरत है।

डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन अधिक किफायती

गडकरी ने कहा कि डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन बहुत अधिक किफायती हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में कच्चे तेल का आयात एक बड़ी चुनौती है। जिस तरह से दरें बढ़ाई जा रही हैं, हम इस चुनौती का पहले ही अनुभव कर रहे हैं। आम आदमी के लिए भी यह बहुत मुश्किल है। गडकरी ने कहा कि वाहन क्षेत्र के लिए बिजली, एथनाल, मेथनाल, बायो-डीजल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल शुरू करने का समय आ गया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग का मौजूदा आकार 7.5 लाख करोड़ रुपये है और इसमें केंद्र तथा राज्य सरकारों को अधिकतम कर देने के साथ ही अधिकतम रोजगार देने की क्षमता है। उन्होंने कहा, 'मेरा सपना 2024 के अंत तक इस उद्योग को 15 लाख करोड़ रुपये का बनाना है और यह संभव है।'