Toll Tax : सरकार ने टोल टैक्स को लेकर कर दी बड़ी घोषणा, लाखों वाहन चालकों पर होगा असर
यमुना एक्सप्रेसवे से सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए काम की खबर है। 1 अक्टूबर से यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर करना महंगा हो जाएगा। क्योंकि टोल टैक्स में बढ़ोत्तरी होने जा रही है।
गुरुवार को 82वीं बोर्ड बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई। इस बैठक में औसतन 4 फीसदी टोल दरों में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया गया।
टोल टैक्स में 4% तक की बढ़ोतरी
यमुना एक्सप्रेसवे पर 1 अक्टूबर से टोल टैक्स बढ़ा दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार, टोल दरों में औसतन 4% तक की वृद्धि होगी, जो दो साल बाद किया गया बड़ा बदलाव है। यह वृद्धि जेपी इंफ्राटेक द्वारा 2022-23 में दिए गए प्रस्ताव के आधार पर की गई है। इससे पहले, 2021-22 में टोल टैक्स में बढ़ोतरी की गई थी।
यमुना एक्सप्रेसवे का महत्व इसे और भी ख़ास बनाता है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से आगरा तक का महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे मथुरा, वृंदावन और आगरा के तीर्थ स्थलों के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमाओं तक बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। हर दिन इस एक्सप्रेसवे से लगभग 35,000 वाहन गुजरते हैं, जिससे इसके यातायात का दबाव और महत्त्व समझा जा सकता है।
नई टोल दरें क्या होंगी?
बढ़ी हुई दरों के अनुसार, दो पहिया वाहनों के लिए 3.25 रुपये प्रति किलोमीटर और भारी वाहनों के लिए 8.45 रुपये प्रति किलोमीटर की दर लागू होगी।
इस 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले वाहन चालकों को पहले की तुलना में ज्यादा टोल देना होगा। इससे दिल्ली, एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों से मथुरा, आगरा जाने वालों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
वाहन प्रकार नई दरें (प्रति किलोमीटर)
दो पहिया वाहन 3.25 रुपये
भारी वाहन 8.45 रुपये
क्यों बढ़ाया गया टोल टैक्स?
प्राधिकरण बोर्ड की 82वीं बैठक में टोल टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया। दो साल बाद किए गए इस बदलाव से लाखों लोगों को सीधा असर होगा, खासतौर पर उन लोगों को जो सप्ताहांत पर मथुरा, वृंदावन और आगरा जैसी जगहों की यात्रा करते हैं।
सरकार का यह फैसला जेपी इंफ्राटेक द्वारा दिए गए प्रस्ताव को ध्यान में रखकर लिया गया है, जो कि 2022-23 में दिया गया था।
लाखों लोगों पर असर
टोल टैक्स बढ़ाए जाने से न सिर्फ नियमित यात्रियों पर असर पड़ेगा, बल्कि उन लोगों पर भी इसका प्रभाव होगा, जो पर्यटन के उद्देश्य से इस मार्ग का उपयोग करते हैं। दिल्ली और एनसीआर के कई लोग हर सप्ताहांत मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, और इस टोल वृद्धि से उनकी यात्रा लागत भी बढ़ जाएगी।
इस बढ़ोतरी से वाहन चालकों को पहले से अधिक खर्च करना पड़ेगा, जिससे उनकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, यमुना एक्सप्रेसवे के बिना इस क्षेत्र में यात्रा करने के लिए अन्य मार्ग सीमित हैं, जिससे लोगों को इस बदलाव को स्वीकारना ही होगा।
टोल दरों में वृद्धि क्यों ज़रूरी थी?
टोल टैक्स की दरें हर कुछ वर्षों में बढ़ती हैं, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव और विकास को ध्यान में रखा जा सके। यमुना एक्सप्रेसवे जैसी प्रमुख सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ने के कारण सड़क की गुणवत्ता और सुरक्षा उपायों को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक होता है। यही वजह है कि टोल दरों में वृद्धि की जाती है ताकि सड़क के रखरखाव और विकास के लिए आवश्यक फंड्स जुटाए जा सकें।