इस राजा ने जिंदगी मे सिर्फ 3 बार किया था स्नान, जाने इसके पीछे की असली वजह
king afraid of bathing: फ्रांस के शासक लुई चौदहवें का. इन्हें अपने युग का सबसे महान शासक एक माना जाता है. इन्होंने 1643 से 1715 तक फ्रांस पर राज किया, और सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाले राजा का खिताब इनके नाम है.
लेकिन यह प्रतापी राजा पानी से इतना डरता था कि नहाता ही नहीं था. कहा जाता है कि अपनी पूरी जिंदगी में इस शासक ने सिर्फ 3 बार स्नान किया. दुर्गंध से बचने के लिए परफ्यूम लगाया करता था.
‘सन किंग’ के नाम से मशहूर लुई XIV का जन्म 1638 को सेंट जर्मेन-एन-ले में हुआ था. पिता लुई XIII की टीबी से मौत हुई तो सिर्फ 4 साल की उम्र में ही उन्हें राजा बना दिया गया. कार्डिनल माजारिन मुख्यमंत्री के रूप में तब सारा राजकाज देखती थीं. शुरुआती दिनों में इनके खिलाफ खूब विद्रोह हुए, इससे लुई के मन में डर बैठ गया था.
1660 में उन्होंने स्पेन के फिलिप चतुर्थ की बेटी मारिया थेरेसा से शादी की. लुई XIV को बैले डांस करना बहुत पसंद था. वे रोजाना दरबार में इसकी प्रस्तुति देते थे. उन्हें एक प्रोफेशन बैले डांसर भी बताया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें ‘सन किंग’ इसलिए कहा गया है कि क्योंकि उन्होंने सूर्य को अपना प्रतीक चिह्न घोषित कर रखा था. कहते हैं कि जिस तरह सभी ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं, उसी तरह पूरा फ्रांस उनके इर्द-गिर्द घूमता था.
ईश्वर में अटूट श्रद्धा थी उन्हें
कार्डिनल माजारिन की मौत के समय लुई XIV 23 साल के हो चुके थे, उसके बाद उन्होंने बिना किसी मुख्यमंत्री के खुद शासन चलाने का फैसला किया. वह स्वयं को एक पूर्ण सम्राट मानते थे, और कहते थे कि शासन चलाने की शक्ति सीधे ईश्वर से आती है.
ससुर की मौत के बाद उन्होंने स्पेनिश नीदरलैंड पर भी दावा जमा दिया. वे पूजा को अनुमति देने वाले शासकों में से एक थे. उन्हें ईश्वर में अटूट श्रद्धा थी. फ्रांस में बने भव्य महल ‘पैलेस ऑफ वर्सेलिस’ को बनवाने का श्रेय लुई 14वें को ही जाता है.
इसलिए नहाने से डरते थे
perfumesociety.org की रिपोर्ट के मुताबिक, लुई XIV इसलिए नहाने से डरते थे क्योंकि वे मानते थे कि पानी से बीमारी फैलती है. इसलिए जितना कम आप नहाएंगे उतना सुरक्षित रहेंगे. कहा जाता कि उन्होंने पूरे जीवनकाल में सिर्फ 3 बार स्नान किया.
हालांकि, वे अपने महल ‘पैलेस ऑफ वर्सेलिस’ को सुगंधित रखते थे. महल में दिनभर इत्र का छिड़काव होता था. महल की हवा को सुगंधित बनाने के लिए कटोरे फूलों की पंखुड़ियों से भरे रहते थे. यहां तक कि आगंतुकों पर भी इत्र छिड़का जाता था. इसी वजह से इस महल का नाम भी ‘द परफ्यूम कोर्ट’ पड़ गया.
फ्रांसीसी दरबार में सोने से सजे सैलून की हवा इतनी सुगंधित थी कि लोग मोहित हो जाते थे.