Success Story: 6th क्लास में हो गई थीं फेल, सेल्फ स्टडी के दम पर बन गई IAS अफसर

 
ias rukmani riar
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यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसी महिला अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी स्टोरी बहुत प्रेरणादायक है। जो कभी में पढ़ाई में बहुत कमजोर थी लेकिन फिर आईएएस बनकर इतिहास रच दिया।


इस रैंक के साथ रचा इतिहास

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी तो लाखों छात्र करते हैं, लेकिन उनमें से कुछ का ही सेलेक्शन आईएएस, आईपीएस, आईएफएस सेवाओं के लिए चुने जाते हैं। कई उम्मीदवार तो सालों-साल तैयारी करते हैं, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाता, लेकिन कुछ पहले या दूसरे प्रयास में ही सफलता के झंडे गाड़ देते हैं। रुक्मणी रियार भी उन्हीं में से एक हैं। पंजाब के गुरदासपुर की रहने वालीं रुक्मणी ने बिना किसी कोचिंग क्लास की मदद से यह उपलब्धि हासिल की।  अपने पहले ही प्रयास में न सिर्फ यूपीएससी क्रैक किया, बल्कि ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया था। 

 
कहां से हुई है पढ़ाई-लिखाई? 

हालांकि, रुक्मणी बचपन में पढ़ाई में बहुत अच्छी नहीं थीं, जिसके कारण वह छठी में फेल भी हो गई थीं। फिर रुक्मणी ने पूरी लगन और अथक तोड़ मेहनत की, जिसके नतीजे आज सबके सामने हैं। बताया जाता है कि रुक्मणी ने तीसरी तक की पढ़ाई गुरदासपुर से की है। फिर आगे की पढ़ाई के लिए वह सेक्रेड हार्ट स्कूल, डलहौजी चली गईं। इसके बाद रुक्मणी ने अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से सोशल साइंस में ही पीजी किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि कभी 6वीं में फेल होने वाली रुक्मणी को मास्टर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया था।

पहली बार में क्रैक किया UPSC एग्जाम

इसके बाद रुक्मणी ने कुछ एनजीओ में इंटर्नशिप की। इसी बीच उनका ध्यान यूपीएससी सिविल सेवा की तरफ गया और उन्होंने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी। जिस प्रतिष्ठित नौकरी को हासिल करने के लिए युवा सालों-साल लगा देते हैं, उसमें रुक्मणी ने पहली बार में कामयाबी हासिल कर ली हैं और वह भी सेल्फ स्टडी के दम पर। 


रुक्मणी ने ऐसे की थी तैयारी

यूपीएससी के लिए रुक्मणी ने 6वीं से 12वीं तक की एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से तैयारी करती थीं। वह रोज न्यूज पेपर और पत्रिकाएं पढ़तीं, यही आदत इंटरव्यू में उनके काम आईं। इसके अलावा पिछले कई सालों के पेपर्स सॉल्व किए और मॉक टेस्ट भी दिए। इसका नतीजा ये हुआ कि वह साल 2011 में अपे पहले ही प्रयास में दूसरी रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बन गईं।