सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड में आया नया मोड़, अब इस गैंगस्टर पर घूम रही शक की सुई
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बताया जा रहा है कि इस हत्याकांड को अंजाम वीरेंद्र चारण के गुर्गे ने दिया है। वह गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या का मास्टरमाइंड भी है।
रोहित गोदारा गैंग का वीरेंद्र चारण बीकानेर का रहने वाला है और वहीं से गैंग के लिए काम करता है. चारण पर एक लाख रुपये का ईनाम रखा हुआ है।
एक अधिकारी के मुताबिक सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या चुरु में एक प्रॉपर्टी के चलते की गई है। दरअसल लॉरेस बिश्नोई का साथी गोदारा बड़े कारोबारियों से लाखों की वसूली करता है।
बताया जा रहा है कि चुरु के एक प्रॉपर्टी डीलर से 50 लाख की फिरौती गोदारा गैंग की तरफ से मांगी गई थी लेकिन डीलर ने सुखदेव गोगामेड़ी से संपर्क किया था जिसके बाद सुखदेव ने फिरौती की रकम ना देने के लिए कहा था।
इसी वजह से रमेश गोदारा ने सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रची थी और उसको ठिकाने लगाने की पूरी योजना बनाई थी। इसलिए सुखदेव गोगामेड़ी को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी विरेंद्र चारण की लगाई थी।
उन्होंने कहा कि वीरेंद्र चरण ने गोगामेड़ी की हत्या के लिए शूटर्स और हथियारों का इंतजाम किया था. एक साल पहले राजू तहत की हत्या के मामले में कुछ लोग पकड़े गए थे, जिन्होंने खुलासा किया था कि गैंग के अगले निशाने पर राजपूत है।
बता दें कि गोगामेड़ी की जयपुर में बीते मंगलवार को उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गुरुवार को गोगामेड़ी का हनुमानगढ़ में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल लोगों की तलाश हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और मध्यप्रदेश में छापेमारी की जा रही है। हालांकि, राजस्थान पुलिस ने गुरुवार को अर्जुन माली नाम के युवक को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि इसी ने दोनों शूटरों को जयपुर से भागने में मदद की थी।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मर्डर की जिम्मेदारी भारत से फरार गैंगस्टर रोहित गोदारा ने ली है. रोहित गोदारा लॉरेन्स बिश्नोई गैंग से जुड़ा है. रोहित गोदारा ने कुछ महीने पहले सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को दुबई के नंबर से कॉल कर धमकी दी थी. एनआईए रोहित गोदारा की जांच में जुटी है.
साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से एक अलग संगठन बनाया था।