Mocha Cyclone: कमजोर हुआ मोका तूफान, हवा की रफ्तार 55 KMPH हुई, भारत के पूर्वी राज्यों में खतरा बरकरार, देखें तबाही की तस्वीरें

म्यांमार के तटीय इलाकों से टकराने के बाद मोका तूफान थोड़ा कमजोर हो गया है।
 
मोका तूफ़ान अब कम्जोर्म होने लगा है और अब इसकी रफ़्तार भी पहले से काफी कम हो गयी है हवा की रफ़्तार की बात करें तो अब हवा 55  KMPH तक हो गयी है और आने वाले कुछ समये में ये और कम हो जाएँगी
WhatsApp Group Join Now

Mocha Cyclone: म्यांमार के तटीय इलाकों से टकराने के बाद मोका तूफान थोड़ा कमजोर हो गया है। जिस कारण हवा की रफ्तार घटकर 55 KMPH हो गई है। 

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी 

अब भारत में  इसको लेकर मौसम विभाग ने एक चेतावनी जारी की है। आईएमडी के मुताबिक, मोका साइक्लोन के चलते देश के पूर्वी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर में तेज बारिश हो सकती है। वहीं मध्य प्रदेश और गुजरात में हीट वेव चलने की संभावना है।
मोका तूफान का भारत में असर

मौसम विभाग ने मोका तूफान को लेकर भारत में नई चेतावनी जारी की है। त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में बारिश की बात कही है। इसके अलावा नागालैंड, मणिपुर और दक्षिणी असम राज्यों में भी अगले दो दिनों के लिए बारिश की चेतावनी जारी की गई। 15 और 16 मई के बीच अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की उम्मीद है।

म्यांमार में तूफान से क्या नुकसान हुआ

तूफान के चलते अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है।साइक्लोन के कारण 700 लोग घायल हो गए।तेज हवाओं से कई घरों की छतें उड़ गईं।बिजली के ट्रांसफार्मर को नुकसान।टेलिफोन के टॉवर भी हवा में उड़ गए।कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई।हजारों लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित जगह पर जाना पड़ा।

मौसम में क्या बदलाव हुआ


अगले 3 दिनों में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। वहीं दक्षिण भारत में अगले 5 दिनों के दौरान तापमान 2-3 डिग्री बढ़ जाएगा। उत्तर पश्चिम भारत जैसे राजस्थान में अगले 3 दिनों में तापमान में 2 डिग्री की गिरावट आएगी।मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि मोका तूफान बंगाल की खाड़ी से होते हुए म्यांमार-बांग्लादेश तट पर टकराएगा।बांग्लादेश में मोका ने कितना नुकसान कियाबांग्लादेश में एयरपोर्ट बंद कर दिए गए।दुनिया के सबसे बड़े रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को नुकसान।रिफ्यूजी कैंप में 2600 टेंट उखड़ गए।पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया।कोरल आइलैंड सेंट मार्टिन के डूबने का खतरा है।