बेटी को गलती से भी न कहें पिता ये 5 बातें, रिश्तों में आ सकती है दूरियां

पिता और बेटी का रिश्ता बहुत खास होता है। जहां बेटियां पापा की सबसे फेवरेट होती हैं वहीं बेटियों के लिए पापा सुपर हीरो होते हैं।
 
बेटी को गलती से भी न कहें पिता ये 5 बातें
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Relationship Tips: पिता और बेटी का रिश्ता बहुत खास होता है। जहां बेटियां पापा की सबसे फेवरेट होती हैं वहीं बेटियों के लिए पापा सुपर हीरो होते हैं। ऐसे में पिता भी बेटी से हर बात शेयर करते हैं। 

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसी बातें हैं जो एक पिता को अपनी बेटी से कभी नहीं कहनी चाहिए? इससे न सिर्फ बेटियों पर बुरा असर पड़ सकता है। बल्कि आपके रिश्ते में दूरियां भी बढ़ सकती हैं।

पिता और पुत्री अक्सर घनिष्ठ मित्र होते हैं। ऐसे में बेटियां अपने पिता को सारी बात बता देती हैं। वहीं, पिता भी अक्सर अपनी बेटियों के सामने खुलकर बात कर लेते हैं। लेकिन पिता के कुछ शब्द बेटियों को ठेस भी पहुंचा सकते हैं, जिससे बचकर आप अपने रिश्ते को खराब होने से बचा सकते हैं।

बेटे से तुलना मत करो

पिता अक्सर बेटियों से बेटों की तरह ही उम्मीद करते हैं। जिसके चलते ज्यादातर पिता बेटियों की तुलना बेटों से करने लगते हैं। ऐसे में बेटी के अंदर हीन भावना पैदा हो सकती है इसलिए बेटी से बेटों की तरह बनने की उम्मीद न करें।

सलाह देने से बचें

बेशक पिता अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है, लेकिन कई बार समाज और परिवार के दबाव में पिता बेटी को घर के काम-काज करने की सलाह देने लगता है, जिससे बेटी को दुख पहुंच सकता है। उसका मानसिक विकास भी बुरी तरह प्रभावित होता है। इसलिए अपनी बेटी को घर के काम करने के लिए मजबूर न करें।

खाने के लिए मजाक मत करो

कई बार पिता मजाक में बेटियों को सलाह देते हैं कि ज्यादा मत खाओ। ऐसे में पिता अक्सर बेटी से कहते हैं कि ज्यादा खाने से तुम मोटी हो जाओगी। आपकी यह बात बेटी को बुरी लग सकती है इसलिए बेटी को खाने में बिल्कुल भी बाधा न डालें।

सलाह मत दो

हंसना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन कई बार पिता बेटी को हमेशा हंसने की सलाह देते हैं। ताकि लोग उसे ज्यादा पसंद करें। आपकी यह सलाह बेटी पर भारी पड़ सकती है और उसकी बेवजह हंसने की आदत के कारण लोग उसका मजाक उड़ाने लगेंगे। इसलिए बेटी को यह सलाह देने से बचें।

बाधा मत डालो

पिता आमतौर पर बेटी को लड़कियों के तौर-तरीकों पर चलने की सलाह देते हैं। जिससे बेटी नकारात्मकता का शिकार हो सकती है। ऐसे में बेटियों को बेटों के समान ही आजादी दें और उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश बिल्कुल न करें।