Smart Driving Lience: अब ओर भी ज्यादा स्मार्ट होगा ड्राइविंग लाइसेंस, स्कैन करते ही खुलेगी पुरी डीटेल

 
Smart Driving Lience: अब ओर भी ज्यादा स्मार्ट होगा ड्राइविंग लाइसेंस, स्कैन करते ही खुलेगी पुरी डीटेल
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अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 2019 में इस तरह के दस्तावेज जारी करने के लिए एक अध्यादेश निकाला था.

उसी नियम के तहत छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग ने हाल ही में निविदा प्रक्रिया संपन्न की है. यह योजना 17 मई से प्रदेश स्तर पर प्रारंभ की गई है. ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र के प्रिंटिंग का काम रायपुर के पंडरी स्थित परिवहन विभाग के केंद्रीकृत कार्ड प्रिंटिंग एवं डिस्पैच यूनिट में किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ सरकार की संकल्पित योजना से इसे भारतीय डाक के माध्यम से आवदेकों के घर पर भेजा जाना है. इस नई व्यवस्था के तहत क्यूआर कोड वाले पॉलीकार्बोनेट ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किए जाने हैं.

बताया गया कि पॉलीकार्बोनेट कार्ड उच्च गुणवत्ता एवं लंबे समय तक चलने वाले होते हैं जिस पर लेजर के माध्यम से प्रिंटिंग की जाती है. बताया जा रहा है कि अभी प्रदेश भर में अभी 60 लाख ड्राइविंग लाइसेंस हैं. वहीं हर साल औसतन 3 से 3.5 लाख लाइसेंस बनाए जाते हैं.

क्यूआर कोड वाले ड्राइविंग लाइसेंस में वाहन चालक का नाम, घर का पता, माता-पिता का नाम, वाहन का प्रकार, कार्ड जारी होने की तिथि, कार्ड की वैधता समाप्ति की तिथि, जन्म तिथि, पहचान चिह्न, मोबाइल नंबर, जारीकर्ता अधिकारी का नाम, अंगदान के विकल्प सहित 50 से अधिक विवरण मिल जाएंगे.

विभाग का कहना है कि क्यूआर कोड आधारित तकनीक की वजह से परिवहन विभाग के मैदानी अमलों को जांच में आसानी और समय की बचत होगी.

अधिकारियों ने बताया कि नए प्रारूप के क्यूआर कोड वाले पॉलीकार्बोनेट ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र की प्रिंटिंग एमसीटी कार्ड्स एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को करना है.

यह मनिपाल, कर्नाटक की आईटी कंपनी है जो की इस क्षेत्र में अग्रणी है एवं इसी प्रकार के कार्य अन्य राज्यों में करती आ रही है. परिवहन विभाग "तुंहर सरकार, तुंहर द्वार' योजना के तहत लाइसेंस जैसे दस्तावेज की होम डिलिवरी कर रहा है.

परिवहन विभाग से संबंधित जनसुविधाएं घर बैठे मिलने से लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर भी इस योजना के सुचारू संचालन की लगातार निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं.