Success Story: लाखों का सैलरी पैकेज छोड़ क्रैक किया UPSC, बिना कोचिंग 25वीं रैंक हासिल कर बन गई IAS अफसर
Success Story: हर साल लाखों युवा यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन सिर्फ कुछ ही सफलता हासिल कर पाते हैं। आज हम आपको ऐसी आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने 31.5 लाख रुपये का सालाना पैकेज की जॉब छोड़ यूपीएससी परीक्षा पास की। श्रुति राज लक्ष्मी ने दूसरे अटेंप्ट में ही यूपीएससी पास कर 25वीं स्थान हासिल किया।
श्रुति का कहना है कि अगर आप ईमानदारी से इस परीश्रा की तैयारी करते हैं, तो इस परीक्षा को पास करने से अपको कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि मैनें अपने जीवन में अब तक जो भी काम किया वो पूरी ईमानदारी के साथ किया है और आगे भी ऐसे ही करती रहूंगी।
IIT BHU से हासिल की कंप्यूटर साइंस में डिग्री
श्रुति का परिवार मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले में स्थित अंबा गांव का रहने वाला है। श्रुति ने अपनी कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई लोयोला स्कूल, जमशेदपुर से और कक्षा 12वीं की पढ़ाई दिल्ली के डीपीएस आर। के। पुरम से की है। इसके बाद उन्होंने साल 2019 में आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल कर जॉब करने का फैसला किया। हालांकि, श्रुति के माता-पिता का सपना था कि बेटी बड़ी होकर आईएएस ऑफिसर बनें।
31.5 लाख का पैकेज छोड़ किया UPSC का रुख
गोल्ड मैन बैंक कंपनी, बैंगलुरू में 31.5 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर काम करते हुए श्रुति ने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। श्रुति ने बिना कोई कोचिंग के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे परीक्षा की तैयारी के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया करती थीं।
नहीं थी IAS बनने की उम्मीद
प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी उन्होंने रांची में अपने घर पर रहकर ही की थी। हालांकि, मेंस परीक्षा की तैयारी के लिए वह दिल्ली आ गई और अपनी तैयारी का आंकलन करने के लिए टेस्ट सीरीज भी जॉइन कर ली। श्रुति बताती हैं कि उन्हें दूसरी बार भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन रिजल्ट जारी होने के बाद वह पूरी तरह से हैरान हो गई और उनकी खुशी का कोई ठिकाना ना था।
श्रुति ने दिए यूपीएससी परीक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स
श्रुति ने अपनी तैयारी को लेकर सबसे महत्वपूर्ण टिप्स दी है। श्रुति बताती हैं कि जिन छात्रों को लगता है कि उनका खुद पर नियंत्रण नहीं है, तो वे परीक्षा की तैयारी के दौरान मोबाइल से दूरी बनाए रखें। ऐसा नहीं है कि मोबाइल के बिना काम नहीं चल सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि एक टॉपिक को पढ़ने के बाद आप उसका समय-समय पर रिवीजन करते रहें। ज्यादा पुस्तकों के पीछे ना भागें और समय-समय पर टेस्ट सीरीज के जरिए अपनी तैयारी का आंकलन करते रहें।
बता दें कि श्रुति ने अपनी मेंस परीक्षा में एंथ्रोपोलाजी विषय रखा था। इस विषय को रखने के पीछे श्रुति का कहना है कि सात से आठ महीने इसके लिए तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे में वो विषय चुनना चाहिए, जिसे पढ़ने में रूची हो और जिसका स्टडी मटेरियल आसानी से मिल जाए।