IAS Success Story : IAS का सपना पूरा करने के लिए जयगणेश ने किया था वेटर का काम, पढ़िए के.जय गणेश के वेटर से IAS ऑफिसर बनने तक की कहानी

 
IAS Success Story : IAS का सपना पूरा करने के लिए जयगणेश ने किया था वेटर का काम, पढ़िए के.जय गणेश के वेटर से IAS ऑफिसर बनने तक की कहानी
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कहते हैं लक्ष्य यदि तय हो तो उसे पाने के लिए राह में आने वाली मुसीबतें या रोड़े बाधा नहीं बन सकते। ऐसा एक नहीं कई बार लोगों ने साबित कर के दिखाया है। ऐसी ही एक सफलता की कहानी तमिलनाडु के के.जयगणेश ने भी लिखी है। अपनी इच्छा और दृढ़ संकल्प के बल पर उन्होंने आईएएस बनने का सपना पूरा किया और इस सपने को पूरा करने के लिए कई झंझावत और पढ़ाव से होते हुए यहां पहुंचे हैं। अपने सपने को पूरा करने के लिए वह वेटर तक बन चुके थे, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि लक्ष्य के लिए निरंतर प्रयास करना उनका काम आया।

कौन है जयगणेश

तमिलनाडु के उत्तरीय अम्बर के पास एक छोटा सा गांव है। इस गांव के रहने वाले जयगणेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यही से पूरी की। इसके बाद घर में आर्थिक दिक्कत और अपने पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए वह पास के होटल में ही वेटर का काम करने लगे। जयगणेश का सपना शुरू से आइएएस बनने का था इसलिए वह काम के साथ अपने इस सपने को पूरा करने के लिए भी दिन रात मेहनत करते रहे।

There is a small village near Amber, North of Tamil Nadu. Jaiganesh, a resident of this village, completed his early education from here. After this, he started working as a waiter in a nearby hotel due to financial problems at home and to deposit money for his studies. Jayganesh's dream was to become an IAS from the beginning, so he kept working hard day and night to fulfill his dream along with work.

IAS Success Story : IAS का सपना पूरा करने के लिए जयगणेश ने किया था वेटर का काम, पढ़िए के.जय गणेश के वेटर से IAS ऑफिसर बनने तक की कहानी

गरीब परिवार से आते है जयगणेश

जयगणेश के पिता परिवार का पालन- पोषण करने के लिए एक फैक्ट्री में काम करते थे, लेकिन इस कमाई से केवल घर खर्च ही चल पाता था। घर के अन्य काम या पढ़ाई के लिए पैसे नहीं बच पाते थे। जयगणेश घर में चार भाई भहनों में सबसे बड़े हैं। जय गणेश बचपन से ही पढ़ने लिखने में बहुत तेज रहे हैं। उन्होंने 12वीं की परीक्षा 91 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। इसके बाद वह होटल में काम करते हुए तांथी पेरियार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक कंपनी में वह नौकरी करने लगे लेकिन यहां भी उनकी सैलरी बहुत कम थी। उन्हें 2500 रुपये महीने ही मिला करते थे।

Jayaganesh's father used to work in a factory to feed the family, but only household expenses could be met with this income. There was no money left for other household work or studies. Jayaganesh is the eldest of four siblings in the house. Jai Ganesh has been very quick in reading and writing since childhood. He passed the 12th examination with 91 percent marks. After this he studied mechanical engineering from Tanthi Periyar Institute of Technology while working in a hotel. After completing his studies, he started working in a company but his salary was very less here too. He used to get 2500 rupees a month only.

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आईएएस बनने का सपना रहा बरकरार

इस नौकरी से जयगणेश को यह समझ आ गया था कि ये घर चलाने के लिए काफी नहीं और उनका आईएएस बनने का सपना भी इससे पूरा होने वाला नहीं है। इसलिए उन्होंने 2500 रुपये की नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की पढ़ाई शुरू कर दी।

From this job, Jayaganesh understood that it was not enough to run the house and his dream of becoming an IAS was also not going to be fulfilled by this. So he left his job of Rs 2500 and started studying UPSC.

सातवीं बार में हुए सफल

जय गणेश ने यूपीएसएसी की परीक्षा करीब छह बार दी और वह असफल रहे। कभी प्रीलिम्स में अटक जाते थे कभी फाइन में, लेकिन वह हार नहीं मान रहे थे। परीक्षा में असफलता से वह कई बार हताश जरूर होते थे लेकिन मन की हिम्मत उन्हें फिर से खड़ा कर देती थी और इसी का नतीजा रहा कि सातवीं बार वह परीक्षा में अपने सपने को साकार करने में सफल रहे। जयगणेश ने अपना खर्च चलाने के लिए होटल में वेटर का काम शुरू कर दिया था और होटल से लौटकर आने के बाद जितना समय मिला जय गणेश ने पूरी ईमानदारी से पढ़ाई की और इसी का नतीजा उन्हें अपने सपने को पूरा करने में मिला।

IAS Success Story : IAS का सपना पूरा करने के लिए जयगणेश ने किया था वेटर का काम, पढ़िए के.जय गणेश के वेटर से IAS ऑफिसर बनने तक की कहानी

Jai Ganesh gave UPSAC exam about six times and he failed. Sometimes he used to get stuck in prelims, sometimes in fines, but he was not giving up. He used to get frustrated many times due to failure in the examination, but the courage of the mind made him stand up again and as a result of this, he was successful in making his dream come true in the seventh time in the examination.

इंटेलीजेंस ब्यूरो की नौकरी छोड़ तैयारी जारी रखी

जय गणेश यूपीएससी की परीक्षा में 6 बार असफल जरूर हुए थे लेकिन उनका चयन इसी बीच इंटेलीजेंस ब्यूरो में हो गया। जय गगेश के लिए ये समय थोड़ा दुविधा भरा हो गया था कि हाथ में आई इस नौकरो वह ज्वॉइन करें या फिर 7वीं बार सिविल सेवा की परीक्षा दें। लेकिन फ‍िर तय किया कि वह अपने आईएएस का सपना नहीं छोड़ेंगे और वह इंटेलीजेंस की नौकरी को छोड़ दिए। उन्होंने सातवीं बार सिविल सेवा की परीक्षा दी और इस बार उन्हें सफलता मिली। उन्होंने इस परीक्षा में 156वीं रैंक हासिल की और अपने सपने को पूरा किया।