IAS Success Story : महिला की बात ऐसी चुभी कि डॉक्टरी छोड़कर शुरू की UPSC की तैयारी, बनी IAS, पढ़िए प्रियंका शुक्ला की सफलता की कहानी

 
IAS Success Story : महिला की बात ऐसी चुभी कि डॉक्टरी छोड़कर शुरू की UPSC की तैयारी, बनी IAS, पढ़िए प्रियंका शुक्ला की सफलता की कहानी
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IAS प्रियंका शुक्ला सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहती हैं। वह कई मुद्दों पर अपनी राय देती हैं और साथ ही पढ़े-लिखे युवाओं को UPSC क्लियर करने के लिए प्रेरणा भी देती रहती हैं। प्रियंका आज भले ही IAS अधिकारी हैं, लेकिन उनके लिए ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। प्रियंका ने 12वीं के बाद MBBS की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने डॉक्टरी की प्रैक्टिस भी शुरू कर दी थी।

IAS Priyanka Shukla is very much discussed on social media. She gives her opinion on many issues and also inspires educated youth to clear UPSC. Priyanka may be an IAS officer today, but this journey was not easy for her at all. Priyanka studied MBBS after 12th. After this she also started practicing medicine.

IAS Success Story : महिला की बात ऐसी चुभी कि डॉक्टरी छोड़कर शुरू की UPSC की तैयारी, बनी IAS, पढ़िए प्रियंका शुक्ला की सफलता की कहानी

प्रियंका ने साल 2009 में यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया था। इसी के साथ उनके बचपन का सपना भी पूरा हो गया था क्योंकि उन्हें उनका पसंदीदा IAS भी मिल गया था। इससे पहले भी उन्होंने एक प्रयास दिया था, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया था। प्रियंका ने इसके बाद भी हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी। उन्होंने अपनी रणनीति में कई बदलाव किए और सिलेबस को दोबारा कवर किया था।

Priyanka had cleared the UPSC exam in the year 2009. With this, her childhood dream was also fulfilled as she also got her favorite IAS. Earlier also she had given one attempt, but she could not get selected. Even after this, Priyanka did not give up and continued her preparations. She made many changes in her strategy and re-covered the syllabus.

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पिता चाहते थे बनें ऑफिसर

आईएएस प्रियंका शुक्ला वुमेन इम्पावरमेंट की जीती-जागती मिसाल हैं। अगर प्रियंका की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा की बात करें तो वे हरिद्वार में जन्मीं और पली-बढ़ीं। उनकी शुरुआती शिक्षा भी वहीं से हुयी। प्रियंका के पिताजी हमेशा से चाहते थे कि बेटी डीएम बने। प्रियंका भी अपने पिताजी के साथ-साथ इस सपने को जीने लगीं। फिर कुछ ऐसी स्थितियां बनीं कि उन्होंने मेडिकल के क्षेत्र में कैरियर बनाने का फैसला लिया। जैसा की हम जानते हैं कि एमबीबीएस में चयन होना भी आसान नहीं होता पर प्रियंका ने न केवल परीक्षा दी बल्कि अच्छे नंबरों से उसे पास भी कर लिया। फलस्वरूप उन्हें लखनऊ का केजीएमयू मेडिकल कॉलेज एलॉट हुआ। प्रियंका ने एमबीबीएस यहीं से किया।

IAS Priyanka Shukla is a living example of women empowerment. If we talk about Priyanka's early education, she was born and brought up in Haridwar. She also got her early education from there. Priyanka's father always wanted the daughter to become the DM. Priyanka also started living this dream along with her father. Then there were some such situations that she decided to make a career in the field of medicine.

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महिला की कही बात लगी दिल पर

प्रियंका डॉक्टर बनकर बेहद खुश थीं और उन्होंने अपनी प्रैक्टिस भी शुरू कर दी थी। लेकिन इस दौरान उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने कलेक्टर बनने की ठानी। एक बार प्रियंका स्लम एरिया की जांच के लिए गई थीं। यहां एक महिला गंदा पानी पी रही थी। महिला अपने बेटे को भी गंदा पानी पिला रही थी।

Priyanka was very happy to become a doctor and started her own practice. But during this time something happened to her that she decided to become a collector. Once Priyanka went to investigate the slum area. Here a woman was drinking dirty water. The woman was also giving dirty water to her son.

प्रियंका को ये बात नागवार गुजरी। उन्होंने महिला को ऐसा करने से रोका। प्रियंका की सलाह पर महिला ने तुरंत जवाब दिया था- क्या तुम कहीं की कलेक्टर हो? ये बात प्रियंका को बहुत चुभी और उन्होंने उसी पल IAS अधिकारी बनने का फैसला किया। प्रियंका को मालूम था कि यूपीएससी क्लियर करने के लिए बहुत मेहनत चाहिए।

This thing was exasperating for Priyanka. She stopped the woman from doing so. On Priyanka's advice, the woman immediately replied - Are you a collector of somewhere? This struck Priyanka very much and she decided to become an IAS officer at that very moment. Priyanka knew that clearing UPSC required a lot of hard work.

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दूसरी बार में हुईं सफल

यूपीएससी परीक्षा में सफल होने में प्रियंका को दो साल का समय लगा। पहले प्रयास में उनका सेलेक्शन नहीं हुआ। पर दूसरे प्रयास में वे न सिर्फ चयनित हुईं बल्कि उनकी रैंक भी अच्छी आयी। प्रियंका ने 2009 में इस परीक्षा में सफलता पायी। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के डीएम के रूप में कार्यरत हैं। इस जिले की तस्वीर बदलने में वे निरंतर अपना योगदान दे रही हैं। वे इस पद को केवल काम के रूप में नहीं लेतीं बल्कि इसे एक जुनून की तरह करती हैं। इस बात का प्रमाण देते हैं, उन्हें मिलने वाले अवॉर्ड और रिकॉग्निशन।

It took Priyanka two years to crack the UPSC exam. She was not selected in the first attempt. But in the second attempt, she not only got selected but also got a good rank. Priyanka got success in this exam in 2009. Presently she is working as DM of Jashpur district of Chhattisgarh. She is continuously contributing in changing the picture of this district. She does not take this position as mere work but does it as a passion.

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प्रियंका शुक्ला को मिला राष्ट्रपति से सम्मान

प्रियंका को सेंसस 2011 के दौरान बेहतर काम करने के लिये राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सेंसर सिल्वर मैडल पुरस्कार से नवाज़ा। साक्षरता के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिये उन्हें एक बार और राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है। इस तरह के और भी कई पुरस्कार उन्हें दिये जा चुके हैं। यही नहीं प्रियंका सोशल मीडिया पर भी छायी रहती हैं। उनके 70 हजार फॉलोअर उन्हें लगातार कुछ नया करने के लिये प्रेरित करते रहते हैं।