IAS Success Story : 5 साल के लंबे संघर्ष के बाद गुंजन द्विवेदी बनी IAS, ऐसे हासिल की सफलता, पढ़िए गुंजन की सफलता की कहानी

 
IAS Success Story : 5 साल के लंबे संघर्ष के बाद गुंजन द्विवेदी बनी IAS, ऐसे हासिल की सफलता, पढ़िए गुंजन की सफलता की कहानी
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जीवन में सभी को कभी न कभी असफलता का सामना करना पड़ता है। हालांकि जो लोग असफलताओं की वजह से निराश नहीं होते और लगातार प्रयास करते रहते हैं, उनको कामयाबी मिल ही जाती है। गुंजन द्विवेदी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। गुंजन ने यूपीएससी में कई बार असफलता का सामना किया, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमियों को सुधारा। इस तरह उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली। गुंजन ने अपनी तैयारी के लिए कुछ खास तरह की रणनीति अपनाई, जिससे उन्हें सफलता मिली। करीब 5 साल तक संघर्ष के बाद उन्होंने सिविल सेवा का सपना पूरा कर लिया।

IAS Success Story : 5 साल के लंबे संघर्ष के बाद गुंजन द्विवेदी बनी IAS, ऐसे हासिल की सफलता, पढ़िए गुंजन की सफलता की कहानी

शुरू से मिला सिविल सेवा का माहौल

शुरू से ही गुंजन द्विवेदी का रुझान सिविल सेवा की तरफ रहा। दरअसल उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली गुंजन के पिता आईपीएस अफसर थे। इसके अलावा उनकी बहन भी सिविल सर्वेंट हैं। ऐसे में शुरू से ही उनके घर में सिविल सेवा को लेकर अच्छा माहौल रहा। इंटरमीडिएट के बाद ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे यूपीएससी की तैयारी करेंगी। फिर क्या था 2014 में ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

From the very beginning, Gunjan Dwivedi was inclined towards civil service. Actually, Gunjan's father, a resident of Lucknow, Uttar Pradesh, was an IPS officer. Apart from this, her sister is also a civil servant. In such a situation, from the very beginning, there was a good atmosphere in his house regarding civil service. It was only after intermediate that she had decided that she would prepare for UPSC. What was then, after completing her graduation in 2014, she started preparing for UPSC.

IAS Success Story : 5 साल के लंबे संघर्ष के बाद गुंजन द्विवेदी बनी IAS, ऐसे हासिल की सफलता, पढ़िए गुंजन की सफलता की कहानी

दो बार प्री-परीक्षा में हुईं फेल

साल 2016 में गुंजन ने यूपीएससी की परीक्षा पहली बार दी थी। पहली बार में वह प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। इतना ही नहीं दूसरी बार में भी वे प्री परीक्षा में अटक गईं। ऐसे में उन्होंने दोबारा से अपनी रणनीति को तैयार किया और शुरू से मेहनत करके साल 2018 में ऑल इंडिया रैंक 9 हासिल कर ली। करीब 5 साल के लंबे संघर्ष के बाद उन्हें सफलता मिल गई।

In the year 2016, Gunjan gave the UPSC exam for the first time. She could not even clear the pre-exam in the first place. Not only this, in the second time also she got stuck in the pre exam. In such a situation, she prepared her strategy again and worked hard from the beginning and achieved the All India Rank 9 in the year 2018. She got success after a long struggle of about 5 years.

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शॉर्टकट ना अपनाएं

गुंजन के मुताबिक यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए शॉर्टकट नहीं आजमाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं वे बुरी तरह फेल होते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपके पास कड़ी मेहनत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। सबसे पहले आप अपने बेसिक्स मजबूत करें और इसके बाद सिलेबस के अनुसार स्टडी मैटेरियल का इस्तेमाल कर तैयारी करें।

According to Gunjan, shortcuts should not be tried to get success in UPSC exam. Those who do this fail miserably. You have no other option but to work hard to crack this exam. First you strengthen your basics and then prepare using study material according to the syllabus.

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अन्य कैंडिडेट्स को गुंजन की सलाह

गुंजन द्विवेदी का मानना है कि यूपीएससी में सफलता पाने के लिए सबसे पहले आपको एनसीईआरटी की किताबों से अपना बेस मजबूत करना होगा। अगर आप शुरू में ऐसा कर लेंगे तो आपके लिए बाद में काफी फायदेमंद साबित होगा। गुंजन कहती हैं कि अपनी तैयारी का समय समय पर एनालिसिस करना भी काफी जरूरी होता है। आप सिलेबस कंप्लीट करने के बाद ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करें और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करना ना भूलें। ज्यादा से ज्यादा मेहनत ही यूपीएससी में सफलता का एकमात्र जरिया होती है।