IAS Daulat Desai ने दिया इस्तीफा, Facebook Post में किया अपने दर्द का इजहार और बताया इस्तीफे का कारण

 
IAS Daulat Desai ने दिया इस्तीफा, Facebook Post में किया अपने दर्द का इजहार और बताया इस्तीफे का कारण
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महारष्ट्र में मेडिकल एजूकेशन और मेडिसिन डिपार्टमेंट के संयुक्त निदेशक दौलत देसाई ने इस्तीफा दे दिया। दौलत देसाई साल 2008 बैच के आईएस अधिकारी थे सोमवार को उन्होंने सिविल सर्विस से इस्तीफा दे दिया। देसाई ने इस्तीफा देने के बाद सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा करते हुए एक लंबी पोस्ट डाली है। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा है, वो मेन स्ट्रीम से दरकिनार कर दिए जाने की वजह से काफी निराश महसूस कर रहे थे। एमईडीडी में ट्रांसफर होने से पहले वो कोल्हापुर के कलेक्टर थे और साल 2019 में आई बाढ़ के दौरान पश्चिमी महाराष्ट्र जिले को अपने कुशल नेतृत्व के जरिए संभाला था।

इस्तीफा देने के बाद देसाई ने सोशल मीडिया पर अपने गुबार को निकालते हुए लिखा, मैं आप सभी को सूचित कर रहा हूं कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और अपनी मर्जी से एक भारतीय प्रशासनिक सेवा से बाहर निकल गया हूं। मैं सभी शक्ति, सुरक्षा और प्रतिष्ठा को पीछे छोड़ रहा हूं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहतर प्रयास कर रहा हूं। इस तरह से किनारे कर दिए जाने से काफी निराश था जबकि मैंने कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर कोल्हापुर में चुनौतीपूर्ण काम किया था। ऐसे कार्यकाल के बाद भी किनारे कर दिया जाना ये निर्णय काफी निराशाजनक था जिसकी वजह से इस्तीफा देने का निर्णय लेना पड़ा। सिविल सर्विस ने उन्हें देश के लोगों की सेवा करने का शानदार अनुभव, पहचान और अवसर दिया।

संतोषजनक और रोमांचकारी यात्रा

उन्होंने आगे कहा, मैं बहुत भाग्यशाली था क्योंकि बहुत कम लोगों में से किसी एक को ये मौके मिलते हैं। यह एक संतोषजनक और रोमांचकारी यात्रा थी जो आश्चर्य और सफलताओं से भरी हुई थी। उन्होंने आगे बताया, अगर जनहित दांव पर है तो उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। सामाज में पद और प्रतिष्ठा से मजबूत ताकतवर लोगों की अनदेखी करते हुए मैंने हमेशा कमजोर और जरूरतमंदों की आवाज सुनी। कई बार मुझे असंतुष्ट लोगों की आलोचनाओं का सामना भी खुशी-खुशी करना पड़ा। मैंने समाज की बेहतरी के लिए जो कुछ हो सकता था किया।

जिन्होंने मेरी ईमादारी को समझा मैं आजीवन उनका ऋणी रहूंगा

महाराष्ट्र कैडर के 2008 बैच के आईएएस अधिकारी ने बताया कि वो उन लोगों के हमेशा कर्जदार रहेंगे जिन्होंने उनकी ईमानदारी का समर्थन किया और उनकी सराहना की। उन्होंने आगे कहा, यह आईएएस की 'आभा' को छोड़ने और एक 'आम आदमी' बनने और बाहरी दुनिया में संघर्ष करने का समय है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, मैं खुश और संतुष्ट हूं, अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है।

14 साल का रहा करियर

उन्होंने आगे लिखा मैंने अपने 14 साल के करियर के दौरान आईएएस अधिकारी ने पुणे जिला परिषद के निदेशक, आपदा प्रबंधन और सीईओ के रूप में भी काम किया। वरिष्ठ नौकरशाह, एमईडीडी में स्थानांतरित होने से पहले, कोल्हापुर के कलेक्टर थे और साल 2019 में आई बाढ़ के समय उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व के जरिए स्थिति को संभाला था।