देश में पहली बार : 3 सगी बहनों का IAS में चयन, तीनों ही बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव

 
देश में पहली बार : 3 सगी बहनों का IAS में चयन, तीनों ही बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव
WhatsApp Group Join Now

चंडीगढ़। एक ही परिवार के कई सदस्यों को अफसर बनते तो आपने खूब देखा और सुना होगा, मगर यह कहानी सबसे हटकर है। इसमें तीन सगी बहनों ने कामयाबी की वो इबारत लिख दी जो अनूठी मिसाल बन गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा के इतिहास में यह पहला मौका है जब तीन बहनें ( IAS Sisters ) सूबे के अफसरों के मुखिया मुख्य सचिव ( Haryana Chief Secretary ) की कुर्सी पर काबिज हुईं।

चंडीगढ़। एक ही परिवार के कई सदस्यों को अफसर बनते तो आपने खूब देखा और सुना होगा, मगर यह कहानी सबसे हटकर है। इसमें तीन सगी बहनों ने कामयाबी की वो इबारत लिख दी जो अनूठी मिसाल बन गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा के इतिहास में यह पहला मौका है जब तीन बहनें ( IAS Sisters ) सूबे के अफसरों के मुखिया मुख्य सचिव ( Haryana Chief Secretary ) की कुर्सी पर काबिज हुईं।

देश में पहली बार : 3 सगी बहनों का IAS में चयन, तीनों ही बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव

आईएएस केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्य सचिव, हरियाणा

1983 बैच की आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा 30 जून 2019 को हरियाणा की मुख्य सचिव बनीं हैं। अपने रिटायरमेंट 30 सितंबर 2020 तक केशनी आनंद अरोड़ा इस पद पर रहेंगी। केशनी आनंद अरोड़ा हरियाणा की 33वीं और पांचवीं महिला मुख्य सचिव हैं। इनकी दो बहनों के अलावा वर्ष 2007-2008 में आईएएस प्रोमिला ईस्सर और वर्ष 2014 में शकुंतला जाखू भी मुख्य सचिव ​की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। केशनी आनंद अरोड़ा को 1982 बैच के आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह मुख्य सचिव बनाया गया।

बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी व उर्वशी गुलाटी

आईएएस केशनी आनंद अरोड़ा अपनी बड़ी बहनों के नक्शे कदम पर चलकर मुख्य सचिव के पद तक पहुंची हैं। 1969 बैच की आईएएस अधिकारी मीनाक्षी आनंद चौधरी 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2006 तक और 1975 बैच की आईएएस अधिकारी उर्वशी गुलाटी 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 के बीच हरियाणा की मुख्य सचिव रहीं।

देश में पहली बार : 3 सगी बहनों का IAS में चयन, तीनों ही बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव

आईएएस केशनी आनंद अरोड़ा की जीवनी

20 सितंबर 1960 को पंजाब में जन्मी केशनी आनंद अरोड़ा बेहद प्रतिभाशाली हैं। ये राजनीति विज्ञान से एमए और एम फील करने के दौरान अपने बैच की टॉपर थीं। यहीं नहीं बल्कि हरियाणा कैडर के 1983 आईएएस बैच का टॉपर बनने का गौरव भी केशनी आनंद अरोड़ा को हासिल है। इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य बना तो 16 अप्रैल 1990 प्रदेश की पहली महिला उपायुक्त के पद पर केशनी आनंद अरोड़ा की नियुक्ति हुई।

देश में पहली बार : 3 सगी बहनों का IAS में चयन, तीनों ही बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव

जब वरिष्ठ अधिकारी ने कसा तंज

केशनी आनंद अरोड़ा से जुड़ा एक वाक्या यह भी है कि वरिष्ठ अधिकारी ने इन पर बेहतर काम को लेकर तंज कसा जिसका अरोड़ा ने अपनी काबिलियत से ही दिया। हुआ यह था कि आईएएस की ट्रेनिंग के दौरान जब उनको काम-काज के बारे में बताया जा रहा था तो एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन पर तंज़ कसा था कि कोई आपको डिप्टी कमिश्नर की पोस्ट थोड़े ही मिलने जा रही है। तब केशनी ने जवाब देते हुए कहा था कि आप चिंता न करें, मैं एक दिन जरूर डिप्टी कमिश्नर बनूंगी। लोग तो इस बात पर शर्त लगाते थे कि किसी महिला को डिप्टी कमिश्नर या दूसरे अहम पद नहीं मिल सकते हैं। जब हरियाणा अलग राज्य बना और केशनी राज्य की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं।

देश में पहली बार : 3 सगी बहनों का IAS में चयन, तीनों ही बनीं हरियाणा की मुख्य सचिव

रावलपिंडी से भारत आया इनका परिवार

केशनी आनंद का परिवार मूलरूप से रावलपिंडी (पाकिस्तान) का रहने वाला है। भारत विभाजन के वक्त वहां से पंजाब आ गया। मीडिया से बातचीत में केशनी बताती हैं कि उस समय घर के हालात उतने अनुकूल नहीं थे। जब बड़ी बहन मीनाक्षी ने 10वीं क्लास पास की तो उनके रिश्तेदारों ने उनके माता-पिता पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि अब वे उनकी शादी कर दें लेकिन मां का मानना था कि बुरे वक़्त में पढ़ाई-लिखाई ही काम आती है। इसलिए पहले पूरी पढ़ाई, फिर शादी। वैसे भी हमारे समाज में लोग महिलाओं को अहम पदों पर बैठते हुए देखने के आदी नहीं हैं, लेकिन हमारे परिवार ने तीनों बहनों को पढ़ने-लिखने का भरपूर अवसर दिया। नतीजा यह रहा कि तीनों ही बहनें कामयाब हो गईं।