Success Story: दहेज के लिए घर से निकाला, बिना इंटरनेट गांव में रहकर की यूपीएससी की तैयारी, मेहनत से बनी आईआरएस ऑफिसर

 
Success Story: दहेज के लिए घर से निकाला, बिना इंटरनेट गांव में रहकर की यूपीएससी की तैयारी, मेहनत से बनी आईआरएस ऑफिसर
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UPSC Success Story of Komal Ganatra: कोमल गणात्रा को पति ने शादी के महज 15 दिन बाद ही छोड़ दिया था. उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया लेकिन, उनके लिए रास्ता बेहद कठीन था, मुश्किलें बहुत थीं, हालांकि, उनके इरादे बहुत मजबूत थे. उन्होंने अपनी शादी टूटने के गम को ही अपनी ताकत बना लिया. इसी के परिणामस्वरूप कोमल यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षा पास कर ऑफिसर बन गईं.

तीन भाषाओं में अलग-अलग यूनिवर्सिटी से की ग्रेजुएशन

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बता दें कि आज के समय में कोमल गणात्रा से गुजरात का बच्चा-बच्चा वाकिफ है. कोमल मूल रूप से गुजरात के अमरेली जिले की रहने वाली हैं. कोमल का जन्म अमरेली के सावरकुंडला में 1982 में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई गुजराती मीडियम से की है. वे गुजराती लिटरेचर में टॉपर भी रह चुकी हैं. उन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. बता दें कोमल ने तीन भाषाओं में अलग-अलग यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की हुई है.

26 साल की उम्र में हुई एनआरआई से शादी

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जब कोमल 26 साल की थी, तब उनकी शादी एक एनआरआई लड़के शैलेष से हुई थी. शैलेष न्यूजीलैंड में रहता था. बता दें कि शैलेष और कोमल की शादी काफी चर्चा में रही थी. विदेश में घर बसाने को लेकर घर-परिवार के लोगों और खुद कोमल ने भी कई सपने देखे थे, लेकिन शादी के महज 15 दिन बाद ही कोमल व उसके परिवार के सारे सपने टूट कर बिखर गए.

पति के लिए छोड़ा सरकारी नैकरी का मौका

बात है साल 2008 की जब कोमल की जिंदगी दो घटनाएं एक साथ हुई. कोमल ने उसी साल गुजरात लोक सेवा आयोग (GPSC) की मेंस परीक्षा पास की थी. इसके अलावा उसी समय एक एनआरआई लड़के (शैलेष) से उनकी शादी भी तय हो गई थी.

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हालांकि, शादी को लेकर शैलेष की एक शर्त थी कि कोमल गुजरात में सरकारी नौकरी करने की बजाय उसके साथ शादी के बाद न्यूजीलैंड में ही रहे. कोमल शैलेष से प्यार करती थी, जिस कारण उन्होंने उसकी शर्त मान ली और गुजरात लोक सेवा आयोग की मेंस परीक्षा पास करने के बावजूद इंटरव्यू में हिस्सा नहीं लिया और सरकारी नौकरी पाने का मौका छोड़ दिया.

दहेज के कारण महज 15 दिन में टूटी शादी

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कोमल की शादी होने के महज 15 दिन बाद ही उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करके घर से निकाल दिया गया. इसके बाद शैलेष न्यूजीलैंड चला गया और फिर कभी कोई सम्पर्क नहीं किया. यहां तक कि कोमल ने न्यूजीलैंड सरकार से भी पति को तलाशने की गुहार लगाई, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगी. इसके हादसे के बाद कोमल अपने मायके सावरकुंडला आ गई और अपने माता-पिता के साथ ही रहने लगी.

बिना इंटरनेट, न्यूजपेपर और कोचिंग के की UPSC की तैयारी

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हालांकि, कोमल जिस गांव में रहती थी, वहां न तो इंटरनेट था और न ही कोई मैग्‍जीन और अंग्रेजी का अखबार आता था. इसके बावजूद कोमल ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी. कोमल ने साथ ही अपना गुजारा करने के लिए वहां के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना भी शुरू कर दिया. यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी कोमल ने कभी एक भी छुट्टी नहीं ली.

साल 2012 में UPSC क्रैक कर बनी िरस

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तीन बार की असफलताएं कोमल का हौसल नहीं तोड़ सकी और साल 2012 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 591वीं रैंक हासिल की और आईआरएस ऑफिसर बन गई. पहली शादी टूटने और आईआरएस बनने का सफर तय करने के बाद कोमल गणात्रा ने दूसरी शादी की और वर्तमान में वे एक बच्ची की मां भी हैं.