What is migraine: क्या है माइग्रेन, किस आयु में होती है इसकी शुरुआत, क्या है इसके लक्षण, यहां जानें पूरी डिटेल्स

 
nm
WhatsApp Group Join Now

What is migraine : माइग्रेन एक प्रकार का तेज सिरदर्द है। यह घबराहट, उल्टी, या प्रकाश और तेज आवाज के  को न सहन होने के कारण जैसे लक्षणों के साथ हो सकता है। कई लोगों में यह दर्द सिर के एक तरफ ही महसूस होता है। माइग्रेन एक सामान्य मस्तिष्क  विकार है।

 माइग्रेन अक्सर युवावस्था में शुरू होता है और 35 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। डब्लूएचओ के मुताबिक, यह महिलाओं में ज्यादा आम है। माइग्रेन  यह कई तरीको से रोजमर्रा की जिंदगी पर असर करता है।

 लेकिन इसके जोखिम को  पहचान कर कम कर सकते है या जो चीजे इसे बढ़ा सकती है उनसे बचाव कर सकते है। माइग्रेन का जांच कर और इसके लक्षणों के आधर पर इलाज, और दवाए दी जाती है। 

10 Possible Causes of Your Migraines - Chester County Hospital | Penn  Medicine

एक-दो दिन  तक होने वाले  सिर दर्द को माइग्रेन ना माने, बल्कि डॉक्टर को दिखाए और उनके सलाह के अनुसार काम करे।माइग्रेन  के लक्षणों में प्रोड्रोम,प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना,थकान,भोजन की लालसा या भूख की कमी,मनोदशा में बदलाव,गंभीर प्यास,सूजन,कब्ज या दस्त व सिरदर्द से कुछ घंटे या दिन पहले, माइग्रेन से पीड़ित लगभग 60% लोगों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस दौरान  डॉ से सलाह लेना आवश्यक है। 

माइग्रेन सामान्य दर्द से होता है अलग 

माइग्रेन समान्य सिर दर्द से काफी अलग होता है। इसमे जो दर्द होता है वो काफी तेज होता है, और कभी-कभी बर्दाशत से बाहर हो जाता है।माइग्रेन लोगों को कैसे प्रभावित करता है यह भी अलग-अलग हो सकता है। ये ट्रिगर, गंभीरता, लक्षण और फ्रीक़ुएन्सी की एक श्रृंखला है। कुछ लोगों के हर हफ्ते एक से ज्यादा बार ये होते हैं, जबकि अन्य को कभी-कभार ही होते हैं।

दुनिया भर में 1 प्रतिशत आबादी है पीड़ित 

बच्चों में, माइग्रेन अटैक कम समय के होते हैं और पेट के लक्षण अधिक प्रमुख होते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया की लगभग 1% आबादी को क्रोनिक माइग्रेन हो सकता है।

क्या है माइग्रेन के लक्षण 

प्रोड्रोम 

सिरदर्द से कुछ घंटे या दिन पहले, माइग्रेन से पीड़ित लगभग 60% लोगों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं:

प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना

थकान

भोजन की लालसा या भूख की कमी

मनोदशा में बदलाव

गंभीर प्यास

सूजन

कब्ज या दस्त

ऑरा

ये लक्षण आपके नर्वस सिस्टम से आता हैं और इसमें अक्सर आपकी दृष्टि शामिल होती है। वे आमतौर पर 5 से 20 मिनट की समय में धीरे-धीरे शुरू होते हैं, और एक घंटे से भी कम समय मे खत्म हो जाता है।  केवल 20% माइग्रेन पीड़ित सिरदर्द शुरू होने से पहले औरा का अनुभव करते हैं। इसमें ये समस्या होती है जैसे 

काले बिंदु, लहरदार रेखाएं, प्रकाश की चमक या ऐसी चीजें देखें जो वहां नहीं हैं (हेल्लुसिनेसन)

बिल्कुल नहीं देख पाना ।

आपके शरीर के एक तरफ झुनझुनी या सुन्न हो जाना।

साफ-साफ बोल नहीं पाना

A protein that enables us to detect cold and menthol may also be key to  migraine headaches > News > USC Dornsife

अपनी बाहों और पैरों में भारीपन महसूस होना

आपके कान बजना ।

गंध, स्वाद या स्पर्श में बदलाव महसूस होना।

अटैक

एक माइग्रेन का सिरदर्द अक्सर सुस्त दर्द के रूप में शुरू होता है और धीरे-धीरे धड़कते हुए दर्द में बदल जाता है। स्थिति आमतौर पर शारीरिक गतिविधि के दौरान खराब हो जाता है। दर्द आपके सिर के एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकता है, आपके सिर के सामने हो सकता है, या ऐसा महसूस हो सकता है कि यह आपके पूरे सिर पर असर कर रहा है।लगभग 80% लोगों को सिरदर्द के साथ मतली और लगभग उल्टी होती है। आप पेल और चिपचिपे भी हो या बेहोशी महसूस कर सकते हैं।

पोस्टड्रोम

यह अवस्था सिरदर्द के एक दिन बाद तक रह सकती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

थकान लगना 

असामान्य रूप से तरोताजा या खुश महसूस करना

मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी

भोजन की लालसा या भूख की कमी

माइग्रेन के कारण

माइग्रेन के कारण साफतौर पर पता नही है। लेकिन ये दिमाग में होने वाले बदलाव के कारण हो सकते हैं जो इन्हे को प्रभावित करते हैं:-

नर्वेस कोम्युनिकेशन

रसायनों का संतुलन

रक्त वाहिकाएं

Migraine Headaches: Treatment in Fairfax, VA | SAPNA: Spine and Pain Clinic  of North America

माइग्रेन के लिए आनुवंशिक विशेषताएं भी होती है कारण  

आनुवंशिक विशेषताएं भी एक कारण हो सकती हैं, क्योंकि परिवार का इतिहास होना माइग्रेन का एक सामान्य जोखिम कारक है।माइग्रेन से पीड़ित अधिकांश लोगों को आचनाक अटैक आता है, जिसका अर्थ है कि उन्होंने अटैक को ट्रिगर करने के लिए कुछ भी नहीं किया है। इस तरह से कभी-कभी यह रोग व्यवहार करता है। कुछ लोगों को जब  माइग्रेन अटैक आता है जिनका एक पहचान योग्य कारण होता है। हर किसी का अलग-अलग ट्रिगर होते हैं, जिसके कारण माइग्रेन का दर्द शुरु होता है।

 आज की सोच यह है कि एक माइग्रेन की संभावना तब शुरू होती है जब अति सक्रिय तंत्रिका नर्व्स सेल संकेत भेजती हैं जो आपके ट्राइजेमिनल सेल को ट्रिगर करती हैं, जो आपके सिर और चेहरे को सनसनी देती है। यह आपके शरीर को सेरोटोनिन और कैल्सीटोनिन जीन-संबंधित पेप्टाइड जैसे रसायनों को छोड़ने का संकेत देता है। 

सीजीआरपी आपके दिमाग की परत में रक्त वाहिकाए सूज जाता है। फिर, न्यूरोट्रांसमीटर सूजन और दर्द का कारण बनते हैं। लेकिन कुछ सामान्य कारण हैं जो बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं। सामान्य ट्रिगर में तनाव, कुछ खाद्य पदार्थ, भोजन छोड़ना, शराब, बहुत अधिक या बहुत कम सोना, मौसम में बदलाव या बैरोमीटर का दबाव, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, और दर्दनाक मस्तिष्क की चोटें शामिल हैं। जबकि माइग्रेन किसी भी लिंग, उम्र, जाति, जातीयता या पृष्ठभूमि के लोगों को प्रभावित कर सकता है, यह महिलाओं में विशेष रूप से आम है।

माइग्रेन के ट्रिगर का कारण 

1. हार्मोनल परिवर्तन, उदाहरण के लिए, मासिक धर्म के समय के आसपास।

2. भावनात्मक ट्रिगर, जैसे तनाव, अवसाद, चिंता और उत्तेजना।

3. आहार संबंधी कारक, शराब, कैफीन, चॉकलेट, पनीर, खट्टे फल, और टाइरामाइन युक्त खाद्य पदार्थो।

4. दवाएं, जैसे नींद की गोलियां, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी), और कुछ गर्भनिरोधक गोलियां।

5. पर्यावरणीय कारक, टिमटिमाती स्क्रीन, तेज गंध, सेकेंड हैंड स्मोक, तेज आवाज, भरे हुए कमरे, तापमान में बदलाव और तेज रोशनी।

 इन चीजों से करें परहेज  

1. चॉकलेट

2. डेयरी खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से चीज

3. मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) वाले खाद्य पदार्थ

4. टाइरामाइन युक्त खाद्य पदार्थ, जिसमें रेड वाइन, पुराने  पनीर, स्मोक्ड मछली, चिकन लीवर, अंजीर और कुछ बीन्स शामिल हैं।

5. फल (एवोकैडो, केला, खट्टे फल)

6. नाइट्रेट युक्त मीट (बेकन, हॉट डॉग, सलामी, क्योर मीट)

7. प्याज

8. मूंगफली और दूसरे नट और बीज

9. प्रोसेसड, फर्मेंटेड, या मसालेदार भोजन।

माइग्रेन के जोखिम के कारक 

1. जेंडर - महिलाओं को पुरुषों की तुलना में तीन गुना ज्यादा माइग्रेन की परेशानी होती है।

2. उम्र- ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का सिरदर्द 10 से 40 साल की उम्र के बीच होने लगता है। लेकिन कई महिलाओं को पता चलता है कि उनका माइग्रेन 50 साल की उम्र के बाद ठीक हो गया या दूर हो जाता है।

3. परिवार के इतिहास- माइग्रेन से पीड़ित पांच में से चार लोगों के परिवार के दूसरे सदस्य होते हैं जो उन्हें लेते करते हैं। यदि माता-पिता में से किसी एक को इस प्रकार के सिरदर्द का इतिहास रहा है, तो उनके बच्चे में इसके होने की आधा प्रतिशत यानी 50 संभावना होती है। यदि माता-पिता दोनों के पास है, तो जोखिम 75 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

4. मेडिकल कारण- अवसाद, चिंता, बायपोलर विकार, नींद संबंधी विकार और मिर्गी आपकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

Bien-être : 7 causes à l'origine de la migraine

माइग्रेन का प्रकार 

1. क्रोनिक माइग्रेन: इसमें प्रति माह 15 दिनों से अधिक समय तक एक एपिसोड होना शामिल है।

2. मासिक धर्म माइग्रेन: यह एक पैटर्न में होता है जो मासिक धर्म चक्र का फोल्लो करता है।

3. एब्डोमिनल माइग्रेन: इसमें माइग्रेन के एपिसोड शामिल होते हैं जो आंत और पेट में अनियमित कार्य से जुड़े होते है। यह मुख्य रूप से 14 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।

4. वेस्टिबुलर माइग्रेन: गंभीर चक्कर आना माइग्रेन के इस रूप का एक लक्षण है।

5. हेमिप्लेजिक माइग्रेन: इस माइग्रेन के कारण शरीर के एक तरफ अस्थायी कमजोरी होती है।

6. बेसिलर माइग्रेन: इस दुर्लभ प्रकार को ब्रेनस्टेम ऑरा के साथ माइग्रेन के रूप में भी जाना जाता है, और यह बोलने जैसे न्यूरोलॉजिकल कार्यों को प्रभावित कर सकता है।

इसके अलावा ऑरा और बिना ऑरा के माइग्रेन भी शामिल है माइग्रेन के प्रकार मे ।

क्या है माइग्रेन का इलाज 

माइग्रेन का कोई पक्का इलाज नही है, लेकिन हा इसके लक्षणों का इलाज कर हम इसे काबू मे रख सकते है और जो चीजे माइग्रेन को स्टार्ट   करती है उस काम या चीज़ों को करने से दूर रहे। डॉक्टर से सही सलाह और अक्सर उनके सम्पर्क मे रहने से आपको मदद मिलेगी।

माइग्रेन से  कैसे करें बचाव 

माइग्रेन का पुख्ता कारण तो नही पता लेकिन कुछ उपायों की मदद से हम इसे बचाव मे मदद मिल सकती है , जैसे की -

माइग्रेन के लक्षण को पहचाने जैसे की कब दर्द शुरु होता है और किस स्थिति मे यह तेज हो जाता है।

तनाव ना ले, अपने दिमाग को तनावमुक्त रखे और बेहतर नींद ले।

नशे वाले पदार्थ को सिमित करे।

प्रतिदिन योग करे या ध्यान लगाए, शुरुआत आप कुछ मिनट से भी कर सकते है लेकिन इसे निरंतर दिनचर्या मे शामिल करे।

स्वस्थ्य आहार का सेवन करे।

सर मे किसी तरह का दर्द कई दिनो तक रहे तो डॉक्टर से सम्पर्क करे।

खुद को हाईड्रेट रखे, पानी की कमी ना होने दे।

माइग्रेन के लिए  घरेलू उपाय 

एक अंधेरे, शांत कमरे में अपनी आँखें बंद करके आराम करे।

अपने माथे पर आइस पैक लगाएं और सेके ।

बहुत सारे तरल पदार्थ पिए ।

तनावपूर्ण चीजे ना सोचे।

एक नए अध्ययन में पाया गया कि योग माइग्रेन के हमलों की आवृत्ति और गंभीरता को कम करने के लिए एक सहायक उपचार है।

माइग्रेन जांच के लिए डॉक्टर करवा सकता है ये काम 

रक्त परीक्षण

एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षण

इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी)

माइग्रेन का इलाज 

माइग्रेन का इलाज इसके के आधर पर किया जाता है, इसका कोई खास दवा नही होता । हार्वर्ड हेल्थ स्कूल के मुताबिक, तीन दवाए को हाल ही स्वीकृति दी गई है जो की माइग्रेन की रोकथाम और सिरदर्द को कम करने मे मदद करेगी ।

2018 मे एफडीए ने तीन नई दवाओं को मंजूरी दी - एरेनुमाब, फ्रीमैनेजुमाब, और गैलकेनेज़ुमैब - ये विशेष रूप से माइग्रेन को रोकने और उनकी आवृत्ति, तीव्रता और समय को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई पहली दवाएं है ।

यह एक बड़ा विकास था, क्योंकि माइग्रेन को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य दवाएं अन्य स्थितियों, जैसे दौरे, अवसाद, उच्च रक्तचाप, या अनियमित दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई थीं। लेकिन उनके दुष्प्रभाव जैसे वजन बढ़ना, चक्कर आना, या फजी सोच अक्सर लोगों को इलाज छोड़ देने का कारण बनते हैं।

यदि आपको बार-बार माइग्रेन होता है, तो आपका अटैक को कम करने के लिए बताये गए दवा ले। इसके प्रभावी होने के लिए आपको हर दिन दवा लेने की जरूरत है।

एंटीडिप्रेसन्ट

रक्तचाप की दवाएं, जैसे बीटा ब्लॉकर्स दवाएं

कैल्सीटोनिन जीन से संबंधित पेप्टाइड एजेंट

बोटुलिनम टॉक्सिन टाइप ए इंजेक्शन भी माइग्रेन के अटैक को कम करने में मदद कर सकते हैं यदि वे महीने में 15 दिन से ज्यादा होते हैं। माइग्रेन के अटैक को कम करने के लिये ये दवाए उपयोगी है । ओवर-द-काउंटर दर्द की दवाएं, जैसे एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन, या एस्पिरिन अक्सर आपके माइग्रेन के हल्के होने पर मददगार होती हैं। निम्नलिखित प्रेस्क्राईब्ड दवाएं माइग्रेन एपिसोड की संख्या को कम करने में मदद कर सकती हैं जिन्हें गंभीर माइग्रेन का अनुभव होता है 

टोपिरामेट

उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए प्रोपेनोलोल

अवसादरोधी दवाएं

बोटॉक्स

गेपेंट

यहा एक बात का ध्यान रखना जरूरी है की आप किसी भी दवा का सेवन खुद से ना करे, डॉक्टर के सलाह पर ही दवा ले।

A Closer Look at the Different Types of Migraine Aura | Will Erwin Headache  Research Foundation

 ये है माइग्रेन के दवा मे सावधानी

दवाए स्वस्थ्य  परेशानी को दूर करने के लिये जाते है, लेकिन आप भी जानते है की ज़रूरत से ज्यादा दवा की डोज लेना नुकसानदेह भी हो सकता है।

सप्ताह में 3 दिन से अधिक दवाएँ लेने से सिरदर्द फिर से हो सकता है। ये ऐसे सिरदर्द हैं जो दर्द की दवा के ज्यादा इस्तेमाल से बार-बार वापस आते रहते हैं।

बहुत अधिक एसिटामिनोफेन लेना आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।

बहुत ज्यादा इबुप्रोफेन या एस्पिरिन आपके पेट या किडनी को परेशान कर सकता है।

कुछ माइग्रेन की दवाएं रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती हैं। यदि आपको दिल का दौरा पड़ने या हृदय रोग होने का खतरा है, तो इन दवाओं का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

कुछ माइग्रेन की दवाओं का सेवन गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए। अपने डॉक्टर से बात करें कि यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं तो आपके लिए कौन सी दवा सही होगी।