पहाड़ी एरिया में हो रही बरसात से बढ़ा घग्गर नदी का जलस्तर, किसानों की बढ़ी टेंशन
बता दें कि पिछले वर्ष जुलाई महीने में भी ज्यादा बरसात के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई थी। अबकी बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद लग रही है।
सिंचाई विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, गुहला चीका हेड पर सुबह 31 हजार क्यूसेक से अधिक पानी दर्ज किया गया है, पीछे से पानी बढ़ने के चलते चांदपुरा साइफन हेड पर भी जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। इसे लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे साफ़ देखी जा रही है।
गौरतलब है कि सोमवार सुबह जहां नदी का जलस्तर 300 क्यूसेक पानी ही चल रहा था। लेकिन मंगलवार को यह बढ़कर 2500 क्यूसेक तक पहुंच गया है। ऐसे में 24 घंटे में 8 गुणा बढ़ गया है। आने वाले दिनों में फिर से वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो किसान चिंतित हो सकते है। पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से बरसात का पानी घग्गर नदी के जरिए जाखल क्षेत्र में पहुंचना शुरू हो गया है। नदी की जल क्षमता से फिलहाल जलस्तर अपेक्षाकृत कम है, वहीं अधिकारी उचित प्रबंधन होने की बात भी कह रहे है।
घग्गर नदी की क्षमता 22 हजार क्यूसेक
जाखल से होकर बहने वाली घग्गर नदी की क्षमता 22 हजार क्यूसेक है, ऐसे में इसके सहायक रंगोई नाले की क्षमता 6000 क्यूसेक है। बता दे कि सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार गुहला चीका के साइफन हैड पर 31 हजार से ज्यादा क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है। अगर यह पानी की बढ़ोतरी दर्ज की जाती है तो किसानों को इसका सीधे तौर पर नुकसान होगा। अब पानी आने के कारण किसान धान में सिंचाई के रूप में प्रयोग कर रहे है।
दरअसल, यह नदी किसानों के लिए जीवनदायिनी से कम नहीं है। हर साल पानी आने के कारण किसान आसपास धान की रोपाई करते है। लेकिन पिछले साल बाढ़ के कारण किसान डरे हुए है।
मानसून में घग्गर नदीं में मंडराने लगता बाढ़ का खतरा
पिछले साल जुलाई महीने में आई थी बाढ़ जिले में घग्गर नदी टोहाना, जाखल और रतिया इलाके से होकर निकलती है। हर साल मानसून के नजदीक आते ही घग्गर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। बता दें कि बात करें फतेहाबाद जिले की तो इस जिले में करीब 84 किमी घग्घर नदी बहती है। जिसमें से मुख्य गांव चिम्मों, तलवाड़ी, बुरथली, म्योदकलां, मुसाखेड़ा, बबनपुर, लांबा, नथ्थूवान, रतिया, बलियाला प्रमुख है।