हरियाणा में वोटर नहीं देख पाएगा किसे दिया वोट, निकाय चुनाव से पहले चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

 
हरियाणा में वोटर नहीं देख पाएगा किसे दिया वोट
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हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव से पहले चुनाव आयोग का बड़ा फैसला आया है। वोटर नहीं देख पाएंगे कि वोट किस को दिया है। राज्य चुनाव आयोग के पास पुरानी तकनीक वाली ईवीएम हैं, जिनमें वीवीपैट नहीं जुड़ सकती।

 

वीवीपैट में स्क्रीन पर 7 सेकंड के लिए वोट की पर्ची दिखती है, जिससे मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकता है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।

 

अब कांग्रेस वोटिंग और काउंटिंग के समय को लेकर भी सवाल उठा रही है। पानीपत नगर निगम के लिए वोटिंग 9 मार्च को होगी। इससे पहले 2 मार्च को 32 नगर निकायों के आम चुनाव होने हैं।

कांग्रेस ने ये की थी मांग

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि हमने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी। ईवीएम में वीवीपैट होनी चाहिए। हमें ईवीएम पर संदेह है। पानीपत को छोड़कर बाकी निकायों की वोटिंग व काउंटिंग में 10 दिन का अंतर क्यों रखा गया, यह गलत है।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी ने कहा कि वीवीपैट न होने से फर्क नहीं पड़ेगा। चुनाव ईवीएम से हो रहे हैं। चुनाव आयोग ईमानदारी से काम कर रहा है। कांग्रेस ईवीएम पर सवाल उठाती रही है।

ईवीएम संग वीवीपैट अनिवार्य

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने आयोग को ज्ञापन भेज सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें ईवीएम के साथ वीवीपैट को जरूरी किया था। इसके बाद से वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है।