US Deport: अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणा के युवाओं की दर्दनाक कहानी, बेड़ियों में जकड़े पहुंचे घर, कर्ज में डूबे परिवार

बराड़ा खंड में आने वाले आठ लोगों में एक ही परिवार के पति-पत्नी और उनका बेटा व बेटी चार सदस्य भी शामिल हैं। इनमें खान अहमदपुर गांव निवासी 12 वर्षीय रवनीत सिंह, 15 वर्षीय महकदीप कौर, 40 वर्षीय जगविंद्र सिंह व 37 वर्षीय जगमीत कौर शामिल हैं।
इनके अलावा राजोखेड़ी निवासी लवप्रीत, बराड़ा के ही गांव सरकपुर का सरपंच का बेटा शम्मी सैनी, थंबड़ गांव का 20 वर्षीय ऋषभ सैनी पुत्र संजीव कुमार, दिलप्रीत सिंह पुत्र अमर सिंह कसेरला खुर्द, सीवन माजरा की 30 वर्षीय नीतू रानी शामिल हैं।
साहा खंड के गांव पंजैल निवासी जशनप्रीत सिंह व इसी खंड के रामपुर निवासी सागर सागा की भी अपने घर वापसी हो गई। रामपुर निवासी सागर सागा 30 नवंबर को टूरिस्ट वीजा पर गुयाना गया था।
कर्जे में डूबे परिजन
डंकी के रास्ते से अमेरिका पहुंचने वालों ने यहां तक पहुंचने के लिए किसी ने अपनी जमीन गिरवी रखी थी तो किसी ने गहनों पर लोन लिया था। किसी ने अपना प्लाट बेचा था। ज्यादातर टूरिस्ट वीजा पर विदेश पहुंचे थे और वहीं से उन्होंने आगे डंकी मार्ग से अमेरिका जाने की ठानी थी।
इसके लिए इन्होंने अपना जीवन तक दाव पर लगा दिया था। घने जंगल, दलदली जमीन को पार करते हुए जैसे ही यह विदेशी धरा पर पहुंचे तो उन्हें वहीं पकड़ लिया गया। इतना ही नहीं रास्ते में कई दिन भूखे रहना पड़ा। अब भारत वापस भेजे जाने से उनका खर्च किया गया सारा रुपया मिट्टी हो गया। ज्यादातर ने विदेश तक पहुंचने के लिए 40 से 45 लाख रुपये खर्च किए लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा।
जिसकी शिकन उनके परिजनों के माथे पर साफ दिखाई दे रही थी। अपने बच्चों के भारत वापस आने पर सभी को गम सता रहा है और कोई भी बात करने से इन्कार कर रहे हैं। क्योंकि लाखों रुपया गंवाने वाले सभी परिजन गमजदा हैं।