दुखद-डॉ. शिल्पी की कोरोना से मौत, 7 दिन से थी उपचाराधीन, लग चुकी थी वैक्सीन की दोनों डोज

 
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हरियाणा के हिसार में दुखद समाचार सामने आया है। यहां नागरिक अस्पताल के मलेरिया विभाग के कार्यरत महामारी रोग नियंत्रक सर्वेक्षण कार्यक्रम में महामारीविद् की पोस्ट पर तैनात डॉ. शिल्पी की रविवार दोपहर कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। 28 वर्षीय डॉ. शिल्पी ने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली।

कोरोना होने के बाद पिछले 7 दिन से वह यहां उपचाराधीन थीं। नागरिक अस्पताल में उनके सहयोगियों की मानें तो वह बहुत ही हंसमुख मिजाज की थीं। उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई हुई थी। नागरिक अस्पताल प्रशासन के अनुसार 2 जनवरी को डॉ. शिल्पी की तबीयत खराब हुई थी।

तब उन्हें सिरसा के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। मगर उनकी तबीयत में सुधार न होने पर 3 दिन पहले उन्हें दिल्ली स्थित सरोज अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। इसके बाद भी उनकी हालात में सुधार नहीं हो पाया। डॉ. शिल्पी पिछले ढाई साल से हिसार के नागरिक अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही थी।

अगस्त 2019 में डॉ. शिल्पी ने नागरिक अस्पताल में कांट्रेक्ट बेस पर ज्वाइन किया था। डॉ. शिल्पी दिल्ली की रहने वाली थी और सिरसा में शादी हुई थी। मलेरिया विभाग में तैनात एमपीएचडब्ल्यू नूर मोहम्मद ने बताया कि डॉ. शिल्पी का सभी के प्रति सकारात्मक व्यवहार था।

वह हमेशा खुश रहती थी। हमेशा अपनी ड्यूटी के प्रति पूरी तरह से समर्पित थी। उनके परिजनों के अनुसार रविवार सुबह डॉ. शिल्पी को किडनी फेलियर की दिक्कत हो गई थी और दोपहर में उनकी मौत हो गई। 28 साल की शिल्पी अपने साथी कर्मियों में सबसे छोटी थी। इस कारण वह सभी की प्यारी भी थी।

उनकी मौत पर साथी कर्मियों ने बताया कि वह हमेशा उनके जन्मदिन पर सरप्राइज केक कटवाती थी। आईडीएसी इंचार्ज डॉ. सुभाष खतरेजा, डॉ. जया गोयल समेत सीएमओ डॉ. रत्नाभारती को भी उनके जन्मदिन भी बर्थडे पार्टी देकर सरप्राइज कर चुकी थी।

डॉ. रत्ना भारती, डॉ. जया गोयल उन्हें अपनी बेटी की तरह मानती थी। दिल्ली में ही कोविड प्रोटोकाल के तहत उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसके साथ काम करने वाली माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ. सोनू और डॉ. गरिमा का रो-रोकर बुरा हाल है।

डॉ. शिल्पी सिविल अस्पताल के मलेरिया विभाग में वर्ष 2019 में लगी थी, उन्होंने ज्वाइन किया तो कुछ दिन बार ही कोरोना काल शुरू हो गया, जिसके बाद डॉ. शिल्पी ने पूर्व आईडीएसपी इंचार्ज डॉ. जया गोयल के साथ मिलकर मोर्चा संभाला था।

डॉ. जया गोयल के बाद डा. सुभाष खतरेजा के साथ मिलकर कोरोना काल में मरीजों की हिस्ट्री लेना, मरीजों के घर जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानना, उन्हें दवाइयां उपलब्ध करवाना, सैंपल की रिपोर्ट देना आदि जो भी कोरोना से जुड़े कार्य उन्हें दिए गए, वे हमेशा मन लगातर उन्हें करती थी। उन्होंने डेंगू काल में भी काम किया।