Haryana Roadways AC Buses: हरियाणा रोडवेज में सफ़र करने वालों को अब नहीं लगेगी गर्मी, आ रही है स्पेशल AC बसें

हरियाणा के जिला यमुनानगर रोडवेज डिपो को पहली बार 10 एसी बसें मिलेंगी।
 
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Haryana Roadways AC Buses: हरियाणा के जिला यमुनानगर रोडवेज डिपो को पहली बार 10 एसी बसें मिलेंगी। इन बसों की डिलीवरी इसी महीने होने की उम्मीद है। वर्तमान में यमुनानगर डिपो पर हरियाणा रोडवेज की एसी बस उपलब्ध नहीं है। 

यमुनानगर बस स्टैंड पर सीटीयू और हिमाचल प्रदेश रोडवेज की कुछ ही बसें चलती हैं। कई साल पहले वॉल्वो दिल्ली तक चलती थी जो कुछ समय बाद बंद हो गई। यमुनानगर डिपो से अब हरियाणा रोडवेज की 10 एसी बसें चलेंगी। अधिकारियों ने पूरा रूट मैप तैयार कर लिया है कि ये बसें किन रूटों पर चलेंगी।

दिल्ली, पांवटा साहिब और चंडीगढ़ रूट पर इन्हें चलाने की तैयारी चल रही है क्योंकि ये लंबे रूट हैं और इस रूट के कई यात्री एसी बसों में सफर करना चाहते हैं। वहीं, 25 नॉन एसी बसें यमुनानगर डिपो पहुंच गई हैं। यमुनानगर डिपो में कुल 100 बसों के आने की उम्मीद है। इसमें 90 नॉन एसी और 10 एसी बसें चलेंगी।

यमुनानगर रोडवेज डिपो के जीएम बालक राम ने बताया कि पहले यमुनानगर डिपो में 225 बसों का बेड़ा (क्षमता) तय किया जाता था लेकिन अब बेड़ा बढ़ा दिया गया है। 265 बसों का बेड़ा बनाया गया है। उम्मीद है कि इस बेड़े के हिसाब से जल्द ही यमुना नगर डिपो पर बसों की डिलीवरी भी हो जाएगी।

क्षमता बढ़ने से बसों की संख्या बढ़ेगी और अतिरिक्त रूटों पर भी बस सेवा शुरू होगी। इससे जनता लाभान्वित होगी। वहीं, फ्लीट बढ़ने के साथ स्टाफ भी बढ़ेगा। कई रूटों के बहाल होने से यात्रियों को सुविधा होगी।

यमुनानगर जिला यूपी और हिमाचल प्रदेश राज्यों की सीमा पर है। दोनों राज्यों में बड़ी संख्या में यात्री जा रहे हैं। दिल्ली रूट भी कमाई का रूट है लेकिन दिल्ली रूट की बस यहां शाम के वक्त नहीं मिलती क्योंकि बसें कम थीं। इसके अलावा और भी कई रास्ते कई दिनों से बंद थे। कई बसें बर्बादी के कगार पर हैं। अब नई बसों के आने से यात्रियों को सुविधा होगी।

आपको बता दें कि हरियाणा सरकार की ओर से हर डिपो में 52 सीटर बसों के साथ-साथ मिनी बसें भी भेजी जा रही हैं। इन बसों को भी यमुनानगर ले जाया जाना था लेकिन अधिकारियों ने मना कर दिया क्योंकि यमुनानगर जिले में ऐसा कोई रूट नहीं है जहां यात्री कम हों। रूट पर यात्रियों की संख्या अधिक है। मिनीबस वहां सफल नहीं हैं।