हरियाणा का ये गांव है 'अफसरों की फैक्ट्री', जानें इस गांव के बारे में
Oct 28, 2024, 13:14 IST
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Afsron wala Gaon: दक्षिण हरियाणा में जिला महेंद्रगढ़ के गांव कांवी की बालू मिट्टी में सैकड़ों अधिकारी पैदा हुए हैं। यह गांव देश एवं प्रदेश को 100 से अधिक प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी दे चुका है। गांव के बेटे-बेटियां और बहुएं आईएएस, मजिस्ट्रेट, कर्नल, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राचार्य, पीएचडी, वैज्ञानिक, एडवोकेट, जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में देश एवं प्रदेश में सेवाएं दे रहे हैं। लगभग एक दशक से राजनीति में भी पीछे नहीं है। पद का नाम संख्या
मास्टर पन्ना लाल ने गांव में जगाई थी शिक्षा की अलख
गांव की सरपंच उर्मिला यादव ने बताया कि गांव पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में आगे रहा है। देश की आजादी के बाद गांव में स्कूल नहीं था, लेकिन पंडित महादेव प्रसाद नीम के पेड़ के नीचे बच्चों को बैठाकर पढ़ाते थे। गांव में वह एकमात्र अध्यापक थे। उनके बाद 1952 में मास्टर पन्ना लाल यहां बतौर जेबीटी अध्यापक आए थे। उस समय भी गांव में स्कूल नहीं होता था।
गांव के इस अध्यापक ने तत्कालीन सरपंच राव सरदार सिंह के साथ मिलकर गांव से अनाज के रूप में चंदा एकत्रित किया। उस अनाज को बेचकर गांव में एक-दो कमरे का छोटा स्कूल बनाया। इसके बाद अध्यापक ने अपना मकान भी गांव में ही बना लिया। सेेवानिवृत्त होने तक गांव के स्कूल में ही पढ़ाया।
अध्यापक घर-घर जाकर परिजनों को बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते थे जिसका परिणाम यह हुआ है कि यह गांव 100 प्रतिशत साक्षर है और गांव के आईएएस, विधायक, प्राचार्य, कर्नल उनके पढ़ाए हुए हैं। मास्टर पन्ना लाल ने इस गांव में सही मायने में शिक्षा की अलख जगाई थी। अब उनकी याद में पांच सितंबर को गांव में बड़ा आयोजन कर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पद का नाम संख्या
आईएएस 04
न्यायाधीश 03
कर्नल 05
जिला शिक्षा अधिकारी 02
डीएसपी 03
बैंक अधिकारी 06
कृषि अधिकारी 05
आईआईटी 03
स्कूल प्राचार्य 01
कॉलेज प्राचार्य 01
लेक्चरर 06
एमबीबीएस 20 ( 17 ऑन ट्रेनिंग)
ईडी सुपरिंटेंडेंट 01
पीएचडी 6
वैज्ञानिक 02
अध्यापक 250
नोट- इनमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं।
गांव की कुल आबादी - 5000
कुल मतदाता - 3000
साक्षर - 100 प्रतिशत
यह रिपोर्ट थोड़ी पुरानी होने से पदाधिकारियों की संख्या मे इजाफा भी हुआ है।