हरियाणा सरकार का खजाना में ये जिला है सबसे ऊपर, 5000 करोड़ रुपये का राजस्व दिया

 
हरियाणा सरकार का खजाना में ये जिला है सबसे ऊपर
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हरियाणा सरकार का खजाना भरने में फरीदाबाद और गुरुग्राम अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिले में रजिस्ट्री और अन्य डॉक्यूमेंट के रजिस्ट्रेशन से होने वाली इनकम की अगर बात करेंतो गुरुग्राम ने सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू पिछले वित्त वर्ष में दिया है।

वहीं फरीदाबाद ने भी 1000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू सरकार को दिया है। रेवेन्यू जनरेट करने के मामले में गुरुग्राम पहले और फरीदाबाद  दूसरे नंबर पर है। रेवेन्यू ज्यादा मिलने से शहर के विकास में तेजी आएगी। 

हरियाणा के 22 जिलों में पिछले 1 साल में सरकार के खाजने में 10980 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि एकत्र की है। इस साल भी खजाने में 10 से 12 प्रतिशत ज्यादा राशि एकत्र होने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि 1 दिसंबर से कलेक्टर रेट के हिसाब से रजिस्ट्रियां कराने की मंजूरी दी है।  

विभाग के आंकडो़ं के अनुसार दस्तावेजों के पंजीकरण व रजिस्ट्री, स्टांप ड्यूटी से पैसा कमाने वाले जिलों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल और पानीपत सबसे आगे हैं।  

सबसे पिछड़े जिले की बात करें तो इनमें चरखी दादरी जिला शामिल है। दरअसल इसे जिला बने अभी महज आठ साल ही हुए हैं। सरकार ने इसे 16 नवंबर 2016 को प्रदेश का 22वां जिला बनाया था।

सरकारी खजाने में पैसे भरने वाले टॉप फाइव शहर
विभागीय आंकड़ों पर नजर डालें तो रजिस्ट्री, स्टांप ड्यूटी और अन्य दस्तावेजों जैसे रजिस्ट्री सेल डीड, कन्वेंस डीड, जीपीए, गोदनामा आदि कराने के लिए उपयुक्त फीस जमा करानी पड़ती है। ये फीस सीधे तौर पर सरकार के खजाने को भरने का काम करती है।

सरकार का खजाना भरता है तो उसका फायदा उस जिले की जनता को होता है। क्योंकि सरकार रेवेन्यू के हिसाब से विकास कार्यों में भी तेजी लाती है। सरकार का रेवेन्यू बढ़ाने में इस वक्त गुरुग्राम टॉप पर है।

एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक गुड़गांव जिले ने सरकार के खजाने में कुल 5522.36 करोड़ रुपये दिए हैं। दूसरे नंबर पर फरीदाबाद ने 1058.35 करोड़ रुपये, तीसरे नंबर पर सोनीपत ने 530.74 करोड़, चौथे नंबर पर सीएम सिटी करनाल ने 397.3 करोड़ और पांचवें नंबर पर पानीपत जिले से 374.42 करोड़ रुपये सरकार के खजाने में दिए हैं।

अकेले फरीदाबाद ने दिए 1058 करोड़ से अधिक
आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक नगरी फरीदाबाद ने सरकार को एक साल में रजिस्ट्रियों, स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क से करीब 1058.35 करोड़ रुपये दिए हैं। पिछले एक साल के दौरान शहर में प्रॉपर्टी का बाजार काफी तेजी से ऊपर गया है।

इस कारण जमीन की रजिस्ट्री ज्यादा हो रही है। इसके अलावा स्टांप पेपर भी ज्यादा बिक रहे हैं। वहीं, गुड़गांव से 5522.36 करोड़ रुपए और पलवल जिले से सरकार को 215.32 करोड़ रुपए मिले हैं।

खास बात ये है कि विकास के मामले में पिछड़ा जिला माना जाने वाला नूंह (मेवात) भी सरकार को एक साल में 142.77 करोड़ से अधिक कमाकर दे चुका है।

7.44 लाख से अधिक रजिस्ट्री व दस्तावेज पंजीकृतआंकड़ों के मुताबिक, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पलवल समेत प्रदेश के सभी 22 जिलों में पिछले एक साल में कुल 744856 लाख रजिस्ट्रियां, जीपीए, गोदनामा, कन्वेंस डीड, सेल डीड आदि हुए हैं। इनमें गुड़गांव सबसे आगे है। यहां कुल 133601 प्रॉपर्टी का पंजीकरण हुआ। जबकि फरीदाबाद में 47948 का पंजीकरण हुआ। इनमें पलवल का आंकड़ा 25887 और नूंह का कुल 19305 है।