हरियाणा के इस जिले को जून महीने में मिलेगी 50 इलेक्ट्रिक बसें, इस जगह होगा प्रदूषण कम

हरियाणा के रेवाड़ी शहर के सेक्टर-12 में बनने वाले नए बस स्टैंड की ड्राइंग में एक बार फिर बदलाव किया गया है।
 
aa
WhatsApp Group Join Now

Rewari News: हरियाणा के रेवाड़ी शहर के सेक्टर-12 में बनने वाले नए बस स्टैंड की ड्राइंग में एक बार फिर बदलाव किया गया है। इस बार सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बदलाव किया गया है। 

जिसमें ई-चार्जिंग साइट भी तय की गई है। नए बस स्टैंड के साथ ही चार्जिंग स्टेशन भी तैयार किया जाएगा। ताकि डिपो में उपलब्ध इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज किया जा सके।

ड्राइंग स्वीकृत होते ही इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। साथ ही रेवाड़ी डिपो को जून माह में 50 इलेक्ट्रिक बसों की खेप मिलने की संभावना है। इसी के चलते यह बदलाव किया गया है।

हरियाणा के रेवाड़ी शहर के सेक्टर-12 में बनने वाले नए बस स्टैंड की ड्राइंग में एक बार फिर बदलाव किया गया है। इस बार सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बदलाव किया गया है, जिसमें ई-चार्जिंग साइट भी तय की गई है। 

नए बस स्टैंड के साथ ही चार्जिंग स्टेशन भी तैयार किया जाएगा। ताकि डिपो में उपलब्ध इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज किया जा सके।

ड्राइंग स्वीकृत होते ही इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। साथ ही रेवाड़ी डिपो को जून माह में 50 इलेक्ट्रिक बसों की खेप मिलने की संभावना है। इसी के चलते यह बदलाव किया गया है।

20 एकड़ में नया बस स्टैंड बनेगा

बता दें कि शहर का नया बस स्टैंड 20 एकड़ में बनाया जाएगा। जिसके लिए एचएसवीपी ने वर्ष 2011 में 20 एकड़, 1 कनाल, 6 मरला जमीन का अधिग्रहण किया था। 

इस बीच प्राधिकरण द्वारा किए गए अधिग्रहण को लेकर कई परिवार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। फरवरी 2020 में इससे जुड़ी सभी याचिकाओं का निस्तारण कर दिया गया।

इसके बाद रोडवेज के नाम पर म्यूटेशन भी हुआ है। ऐसे में अब जमीन व अन्य मसले को लेकर कोई विवाद नहीं है और बिजली लाइनों को शिफ्ट करने का काम भी पूरा कर लिया गया है।

नए बस स्टैंड के लिए शुरू से ही बाधाएं कम नहीं थीं। जिसके कारण कई बार ड्राइंग बदली गई। आखिरकार पिछले साल जुलाई के महीने में चीफ आर्किटेक्ट ऑफिस की ओर से फाइनल ड्रॉइंग तैयार की गई। जिसके बाद इसे रोडवेज मुख्यालय भेज दिया गया।

इस बीच दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार ने बीए-4 वर्जन की बसों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही तो राज्य सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए बातचीत कर बीच का रास्ता निकाला और जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों को बेड़े में शामिल करने का फैसला किया। आश्वासन दिया गया था।

इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनसीआर के 4 जिलों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है। इस प्रोजेक्ट में गुरुग्राम-फरीदाबाद के साथ-साथ रेवाड़ी को भी शामिल किया गया है।