Surajkund Mela: हरियाणा पवेलियन में 100 साल पुरानी बैलड़ी बनी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

 
Surajkund Mela: हरियाणा पैवेलियन में 100 साल पुरानी बैलड़ी बनी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
WhatsApp Group Join Now
Haryana News: हरियाणा सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलने वाले 38 वें सूरजकुंड क्राफ्ट मेला 2025 में विरासत दि हेरिटेज विलेज कुरुक्षेत्र द्वारा हरियाणा पवेलियन ‘अपणा घर’ की स्थापना की गई है। 

‘अपणा घर’ की प्रदर्शनी में जहां एक ओर लोक पारंपरिक विषय-वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है वहीं पर दूसरी ओर हरियाणवी लोक जीवन में प्रयोग की जाने वाली सैंकड़ों वर्ष पुरानी विषय-वस्तुएं पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बन रही हैं। 

यह जानकारी विरासत दि हेरिटेज विलेज के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने दी। उन्होंने बताया कि हरियाणवी लोकजीवन के परिवहन के साधनों में बैलड़ी एक ऐसा माध्यम रहा है, जिसके बिना हरियाणवीं जन-जीवन की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। 

हरियाणवी लोकजीवन में बैलड़ी का महत्व

बैलड़ी का चलन ईसा से लगभग 3 हजार वर्ष पूर्व माना जाता है। हरियाणवी लोकजीवन में बैलड़ी वास्तव में आम आदमी की खास सवारी के रूप में जानी जाती रही है। 

ग्रामीण जीवन में बैलड़ी का प्रयोग जहां एक ओर सवारी के रूप में किया जाता रहा है, वहीं पर दूसरी ओर परिवहन के साधन के रूप में सामान लाने व ले जाने के लिए भी इसका प्रयोग होता रहा है। 

इसके अतिरिक्त मेलों आदि में भी पहले के लोग बैलडियों के माध्यम से ही मेला देखने जाया करते थे। यही कारण है कि बैलड़ी का ब्यौरा हरियाणवीं लोक कथाओं, लोकगीतों, रागनियों आदि सहित अनेक विधाओं में देखने को मिलता है। 

युवा पीढ़ी को पुरानी लोक संस्कृति की मिले जानकारी

हरियाणा पैवेलियन विरासत ‘अपणा घर’ के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणा की सांस्कृतिक प्रदर्शनी में हरियाणवी संस्कृति के विविध स्वरूप जिसमें चौपाल, खेती-बाड़ी के प्राचीन औजार, तीन सौ साल पुराने ताले, तेल रखने के लिए प्रयोग किए जाने वाला कूपा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 

डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि विरासत दि हेरिटेज विलेज का हमेशा से यही प्रयास रहता है कि उसके द्वारा आने वाली युवा पीढ़ी को अपनी पुरानी लोक संस्कृति के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके, जिससे कि वे अपने पूर्वजों के समृद्ध इतिहास व परंपरा पर गर्व महसूस कर सकें।

ऑस्ट्रेलियन एनआरआई ने किए हरियाणवी संस्कृति के दर्शन

हरियाणा पैवेलियन विरासत ‘अपणा घर’ के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि विदेशों में रहने वाले हरियाणा के एनआरआई भी ‘अपणा घर’ में हरियाणवी संस्कृति के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। 

ऑस्ट्रेलिया से अपने साथियों के साथ सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में पहुंचे सेवा सिंह रेहडू का ‘आपणा घर’ में हरियाणवी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। 

सेवा सिंह रेहडू ने बताया कि वे ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले हरियाणा पैवेलियन में हरियाणा की समृद्ध पुरानी लोक संस्कृति को देखना चाहते थे। उन्होंने यहां पर हरियाणा की पुरानी विषय-वस्तुओं देखकर पुराने समय को याद किया और उनके साथ सेल्फी लेकर खूब आनंद लिया।