हरियाणा सरकार के प्रयासों पर 'सुप्रीम मुहर', पराली प्रबंधन पर हरियाणा का जिक्र करते हुए पंजाब को दी नसीहत
उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि वास्तव में पराली के मामले में दोषी कौन है। मुख्यमंत्री ने इस कठिन कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपने किसान भाइयों को धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लिया है और किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता पाई है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदूषण एक ऐसा मुद्दा है जो स्वास्थ्य से संबंधित है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। लेकिन दुख की बात है कुछ राजनीतिक दल और पड़ोसी राज्यों की सरकारें इस पर राजनीति कर रही हैं।
पिछले दिनों प्रदूषण के कारण ऐसे हालात हो गए कि कुछ स्थानों पर स्कूल बंद करने पड़े। इसलिए फिर से ऐसे हालात पैदा ना हो इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पराली जलाने पर अंकुश लगाने और आग की घटनाओं को सक्रिय रूप से कम करने के सरकार द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों से पिछले वर्षों की तुलना में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में हरियाणा में पराली जलाने की 5993 घटनाएं सामने आईं जबकि 2022 में यह घटकर 3233 हो गईं। वहीं वर्ष 2023 में पराली जलाने की घटनाएं घटकर 1986 हो गईं। इस तरह वर्ष 2022 से 2023 के बीच हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी आई है।
हरियाणा की तुलना में पंजाब में वर्ष 2023 में पराली जलाने की 31932 घटनाएं सामने आई हैं जो कि हरियाणा से कहीं अधिक है और दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण का मुख्य कारण है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में लगातार घट रही पराली जलाने की घटनाओं से साबित होता है कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को जागरूक करने के प्रयास धरातल पर सफल साबित हुए हैं।
राज्य सरकार पराली के जीरो-बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। पराली न जलाने को लेकर हरियाणा सरकार ना केवल जागरूकता अभियान चला रही है बल्कि हरियाणा सरकार द्वारा पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें व उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं।