हरियाणा में स्वास्थ्य क्षेत्र की ऐसे बदली तस्वीर, एमबीबीएस की सीटें दोगुणी से ज्यादा हुई

 
हरियाणा में स्वास्थ्य क्षेत्र की ऐसे बदली तस्वीर, एमबीबीएस की सीटें दोगुणी से ज्यादा हुई
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पिछले 8 सालों में स्वास्थ्य क्षेत्र में हरियाणा की तस्वीर बदली है। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के हर जरूरतमंद व्यक्ति तक मूलभूत आवश्यकताओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की है। स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले 8 वर्षों में हरियाणा ने जिस गति से प्रगति की है, वह अपने आप में उल्लेखनीय है। इसका उदाहरण वैश्विक कोविड-19 महामारी के दौरान भी देखने को मिला कि कैसे हरियाणा ने प्रशासनिक नियंत्रण, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की उपयुक्त तैनाती की बदौलत इस महामारी से लड़ कर लोगों के जीवन को बचाया।

वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज व स्कूल इत्यादि की संख्या में बढोतरी हुई है। वर्ष 2014 में प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज थे और एमबीबीएस सीटें केवल 700 थी। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 6 कॉलेज खोले गए और आज एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 1735 हो गई है। प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले इसी ध्येय के साथ राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री का दृढ़ विश्वास है कि किसी भी देश या समाज में लोगों के स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व है। श्री मनोहर लाल का लक्ष्य 2025 तक राज्य के मेडिकल कॉलेजों में स्नातक सीटों की संख्या 3035 तक बढ़ाने का है। इसके लिए हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे अथक प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में क्रिटिकल केयर आईसीयू की स्थापना के लिए हरियाणा सरकार को अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन पुरस्कार-2021 से समानित किया गया है।

प्रदेश में एक मेडिकल युनिवर्सिटी, 9 मेडिकल कॉलेज और 7 नर्सिंग कॉलेज किए जा रहे स्थापित

स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है। जिला करनाल के कुटेल में पंडित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस स्थापित की जा रही है, जो जल्द ही बनकर तैयार होगी। इस युनिवर्सिटी में 750 बैड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और अनुसंधान विभाग भी होंगे।

इसी प्रकार, प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं। जिसमें, भिवानी में पंडित नेकी राम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज, जींद में राजकीय मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के छायंसा में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय मेडिकल कॉलेज, नारनौल के कोरियावास में गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, कैथल, सिरसा व यमुनानगर में राजकीय मेडिकल कॉलेज, गुरुग्राम में गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा करनाल में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज चरण-2 शामिल है।

इसके अलावा, रेवाड़ी में एम्स भी बनाया जा रहा है, जो हरियाणा की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में 6 नर्सिंग कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इन पर लगभग 194 करोड़ रुपये की लागत आएगी। घोषणा के अनुरूप इन सभी जिलों में बनाये जा रहे कॉलेज का कार्य 85 से 88 प्रतिशत तक पूरा हो चूका है और जल्द ही बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा, जींद के सफीदों में नर्सिंग कॉलेज के भवन के निर्माण के लिए भूमि खरीदने सहित अन्य प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी हैं। जल्द ही इस पर कार्य शुरू होगा।

आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा के 22 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ

राज्य सरकार प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा अधिक से अधिक गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मुहैया करवाने के लिए बीपीएल परिवारों की वार्षिक आमदनी सीमा को बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया गया है।

केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार हरियाणा में साढ़े 15 लाख परिवार इस योजना में कवर हो रहे थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाया जिसके कारण अब प्रदेश के 22 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इन सब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।