Success Story: हरियाणा के हिसार की पहली महिला लोको पायलट बनी इंदू बाला, अपने दम पर बनाई पहचान

सपने देखना जीतना आसान है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है उन सपनों को साकार करना।
 
हरियाणा के हिसार की पहली महिला लोको पायलट बनी इंदू बाला, अपने दम पर बनाई पहचान
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Success Story: सपने देखना जीतना आसान है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है उन सपनों को साकार करना। अपने मुकाम को हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर सफलता मिल पाती है। ऐसी ही कहानी है हरियाणा के हिसार की बेटी इंदू बाला की। इंदू बाला हिसार की पहली महिला लोको पायलट बनी हैं। उन्होनें अपने दम पर अपनी पहचान बनाई। 

हाबीर कॉलोनी की रहने वाली इंदू बाला अभी तक पैसेंजर ट्रेन में सहायक लोको पायलट थी। लेकिन अब वह लोको पायलट बन चुकी हैं। अभी इंदू बाला को हिसार से बठिंडा, चुरू और रेवाड़ी का रूट दिया गया है। वहीं लोको पायलट बनने के साथ अब उसकी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। 

8 अप्रैल को उनका प्रमोशन हुआ और सहायक से लोको पायलट बनीं।  जानकारी के मुताबिक 32 साल की इंदू बाला 2018 से अब तक पैंसेजर ट्रेन में सहायक लोको पायलट थीं। इंदू बाला ने बताया कि उन्होंने पहली बार 29 अप्रैल को मालगाड़ी चलाई थी। उन्होंने बहुतकनीकी संस्थान में 2009 से 2012 तक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का कोर्स किया।

 उसके बाद बीटेक भी की। साल2017 में रेलवे में नौकरी लगी। 2021 में इंदू बाला की हिसार में ही शादी हुई। उनका एक साल का बेटा है। इंदू बाला ने बताया कि पति, सास, ससुर का काफी सहयोग रहा। ड्यूटी के समय बेटे को दादा-दादी संभाल रहे हैं। पति कमल कुमार निजी अस्पताल में फार्मासिस्ट हैं। इतना ही नहीं, बेहतर कार्य करने और सुरक्षित संचालन के लिए वर्ष 2022 में इंदू बाला डीआरएम अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं।